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SIR और कफ सिरप कांड पर घमासान, यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हंगामेदार शुरुआत

SIR and Cough Syrup Scam: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही सियासी टकराव के संकेत मिल गए हैं। विपक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान ( SIR ) और कोडीन कफ सिरप कांड को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, जिससे सदन में हंगामा तय माना जा रहा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 19, 2025

विपक्ष ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, पहले दिन से तीखी बहस के संकेत (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

विपक्ष ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, पहले दिन से तीखी बहस के संकेत (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

UP Winter Session SIR and Cough Syrup Scam: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के आसार साफ नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) और कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी कांड को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही सदन में प्रस्तावित वंदे मातरम पर चर्चा को लेकर भी विरोध दर्ज कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।

सत्र से पहले ही तय हुई कार्यवाही की रूपरेखा

विधानमंडल सत्र के पहले दिन आगामी दिनों में होने वाली कार्यवाही की रूपरेखा तय कर ली गई है। सरकार जहां विकास कार्यों, विधेयकों और अनुपूरक बजट पर चर्चा की तैयारी में है, वहीं विपक्ष ने जनता से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को सदन में जोर-शोर से उठाने का ऐलान किया है। ऐसे में यह सत्र हंगामेदार रहने के संकेत दे रहा है।

कफ सिरप कांड पर विपक्ष का हमला

सत्र शुरू होने के साथ ही समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कोडीन कफ सिरप कांड को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले में सरकार की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। आशुतोष सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि “सरकार ऐसे लोगों पर बुलडोजर क्यों नहीं चला रही है? जहरीली कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हुई है। क्या बुलडोजर का ड्राइवर भी कफ सिरप पीकर सो गया है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और सरकार जवाबदेही तय करे।

SIR को लेकर भी घमासान

विपक्ष का दूसरा बड़ा मुद्दा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर है। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए चुनावी लाभ के लिए मतदाता सूची में हेरफेर की कोशिश की जा रही है। विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बता रहा है और सदन में इस पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है।

वंदे मातरम पर चर्चा का विरोध संभव

सदन में वंदे मातरम पर प्रस्तावित चर्चा को लेकर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे के जरिए मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में इस विषय पर भी सदन में हंगामे की संभावना जताई जा रही है।

सर्वदलीय बैठक में शालीनता की अपील

सत्र को सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन की कार्यवाही को शालीनता और संसदीय मर्यादा के अनुरूप चलाने का आश्वासन दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन लोकतंत्र का सर्वोच्च मंच है, जहां सकारात्मक संवाद और सार्थक बहस होनी चाहिए। उन्होंने सभी दलीय नेताओं से अपील की कि वे संसदीय परंपराओं का पालन करें और एक-दूसरे की बात को सम्मान पूर्वक सुनें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सत्र को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान प्रस्तुत होने वाले विधेयकों और महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं के प्रथम समाधान केंद्र होते हैं और सभी सदस्यों को सकारात्मक एवं सार्थक बहस में भाग लेना चाहिए।

सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार सदन में उठाए जाने वाले प्रत्येक विषय पर गंभीरता से उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने विपक्ष से भी अपेक्षा जताई कि वह चर्चा में सहयोग करे ताकि प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दों का समाधान निकल सके।

हंगामे के बीच संतुलन की चुनौती

यूपी विधानमंडल का यह शीतकालीन सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए अहम माना जा रहा है। एक ओर सरकार अपने कामकाज और नीतियों का बचाव करना चाहती है, वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाकर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है।

जनता की नजर सत्र पर

प्रदेश की जनता की निगाहें इस सत्र पर टिकी हैं। कफ सिरप कांड, मतदाता सूची पुनरीक्षण, कानून-व्यवस्था और विकास से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा की अपेक्षा की जा रही है। अब देखना यह होगा कि यह सत्र जनहित के मुद्दों पर केंद्रित रहता है या फिर हंगामे की भेंट चढ़ जाता है।