UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र कई अहम राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। जहां सरकार विकास योजनाओं और लोक-कल्याणकारी नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होकर 5 मार्च तक चलेगा। 16 दिन तक चलने वाले इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। हालांकि, सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के लिए लगातार कवायद की जा रही है।
18 फरवरी को विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत होगी। इसके बाद वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाएगा। यह बजट 2024-25 के लोकसभा चुनावों से पहले योगी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जिससे इसकी राजनीतिक अहमियत और बढ़ गई है।
इस बार का बजट सत्र केवल राजकोषीय घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा। विपक्ष ने सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और प्रयागराज महाकुंभ में हुई अव्यवस्थाओं पर घेरने की पूरी रणनीति बना ली है।
योगी सरकार इस बार भी प्रभावी बजट पेश कर विकास एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी। सरकार बुनियादी ढांचे, युवाओं को रोजगार, निवेश, महिला सुरक्षा और ग्रामीण विकास को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। इसके अलावा, सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनता को राहत देने वाले प्रावधानों पर जोर दे सकती है।
इस सत्र में भाजपा के पास मजबूत संख्याबल है, लेकिन विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। अखिलेश यादव और उनके समर्थक प्रयागराज महाकुंभ की अव्यवस्थाओं, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोल सकते हैं। वहीं, भाजपा अपने बजट के माध्यम से विकास कार्यों पर फोकस रखकर विपक्ष के हमलों को जवाब देने की रणनीति पर काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र कई अहम राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। जहां सरकार विकास योजनाओं और लोक-कल्याणकारी नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सत्र विकास की नई योजनाओं के लिए जाना जाएगा या फिर राजनीतिक हंगामे के लिए सुर्खियां बटोरेगा।