UP Education News: योगी सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई का मौका देगी। 2025-26 सत्र में 6 लाख सीटें 63,000 निजी स्कूलों में आरक्षित होंगी। कक्षा एक और प्री-प्राइमरी के लिए प्रवेश प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू होगी और मार्च 2025 तक चार चरणों में पूरी होगी। हेल्प डेस्क भी बनाई जा रही हैं ताकि गरीब परिवारों को आवेदन में मदद मिल सके। यह पहल शिक्षा में समानता लाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का एक अहम प्रयास है।
UP Education Good News: उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाई का अवसर देने की योजना का दायरा इस साल और बड़ा हो गया है। 2025-26 के शैक्षणिक सत्र में कक्षा एक और प्री-प्राइमरी में 6 लाख सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित की गई हैं। इस बार करीब 63,000 निजी स्कूलों ने आरटीई के तहत अपने यहां बच्चों के प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया है।
आरटीई की विशेषताएं और लक्ष्य
प्रवेश प्रक्रिया का आरंभ: इस योजना के तहत प्रवेश प्रक्रिया 1 दिसंबर 2024 से शुरू होकर मार्च 2025 तक चार चरणों में पूरी होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बार आवेदन प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित की हैं। यहां माता-पिता को मुफ्त में आवेदन करने की सुविधा मिलेगी।
पिछले साल से अधिक आवेदन का लक्ष्य: पिछले वर्ष करीब 3.57 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इस बार शिक्षा विभाग ने पांच गुना अधिक आवेदन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिससे अधिक से अधिक गरीब बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सके।
कक्षा एक और प्री-प्राइमरी में सीटें: इस बार कक्षा एक में 3.91 लाख और प्री-प्राइमरी में 2.11 लाख सीटें उपलब्ध होंगी। लखनऊ, आगरा, और गोरखपुर जैसे जिलों में इन सीटों की संख्या सबसे अधिक है।
स्कूलों की बढ़ती रुचि
आरटीई के तहत पिछले सालों में निजी स्कूलों का भुगतान लंबित होने के कारण वे इसमें रुचि नहीं दिखा रहे थे। लेकिन इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने समय पर बकाया भुगतान किया है, जिससे निजी स्कूलों का भरोसा बढ़ा है।
प्रमुख जिले और सीटों की संख्या
कक्षा एक:
आगरा (12,608 सीटें), जौनपुर (12,295 सीटें), आजमगढ़ (11,795 सीटें)।
प्री-प्राइमरी:
लखनऊ (23,889 सीटें), गोरखपुर (9,853 सीटें), गाजियाबाद (8,333 सीटें)।
शिक्षा के अधिकार का व्यापक प्रभाव
यह योजना गरीब और वंचित बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे सामाजिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में इन दोनों पहलों का प्रभाव व्यापक होगा। शीतकालीन सत्र में सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा, जबकि आरटीई योजना से लाखों बच्चों के जीवन में सुधार होगा। ये दोनों पहलें राज्य के प्रशासनिक और सामाजिक तंत्र में बड़े बदलाव का संकेत देती हैं।