UP PCS Transfer: उत्तर प्रदेश शासन ने सोमवार को नौ पीसीएस अधिकारियों के तबादले करते हुए उपजिलाधिकारी समेत कई अहम पदों पर नियुक्तियां कीं। छह जिलों में उपजिलाधिकारी बदले गए और प्रमुख पदों पर नई तैनातियां की गईं। इससे पूर्व रविवार को 78 अन्य पीसीएस अधिकारियों का तबादला भी किया जा चुका है।
UP Government Reassigns 9 PCS Officers: उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का सिलसिला लगातार जारी है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को 9 पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इन तबादलों के तहत छह जिलों के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) बदले गए हैं जबकि अन्य अधिकारियों को विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर तैनाती दी गई है। यह फैसला सरकार की प्रशासनिक संरचना को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
प्रदेश शासन द्वारा जारी तबादला सूची के अनुसार निम्नलिखित अधिकारियों की तैनाती में बदलाव किया गया है:
राजेश कुमार को प्रधान प्रबंधक, उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के पद पर तैनात किया गया है। यह संस्था राज्य की चीनी मिलों की निगरानी और प्रबंधन से जुड़ी हुई है और राजेश कुमार की नियुक्ति को रणनीतिक माना जा रहा है।
कुमार धर्मेन्द्र को अपर जिलाधिकारी (एडीएम), बांदा के पद पर नियुक्त किया गया है। बांदा एक संवेदनशील जिला है जहां कानून व्यवस्था और प्रशासनिक दक्षता की अहमियत अधिक है।
सालिक राम को नगर मजिस्ट्रेट, रामपुर के रूप में तैनात किया गया है। रामपुर जिले में नगर प्रशासन को लेकर संवेदनशीलता अधिक रहती है और यहां की जिम्मेदारी काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।
इसके अतिरिक्त जिन छह उपजिलाधिकारियों का तबादला किया गया है, उनके नाम और नई तैनाती निम्नलिखित है:
इन सभी अधिकारियों को उनके अनुभव, प्रशासनिक कौशल और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैनात किया गया है।
इससे एक दिन पहले, यानी रविवार को, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झटके में 78 पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए थे। यह प्रशासनिक बदलाव हाल के वर्षों में सबसे बड़ा माना जा रहा है, जिसमें कई प्रमुख जिलों और नगर निकायों में तैनात अधिकारियों की जिम्मेदारियों में व्यापक फेरबदल किया गया है।
रविवार को हुए तबादलों में जिन कुछ प्रमुख नामों का उल्लेख किया जा सकता है, वे निम्नलिखित हैं:
लखन लाल सिंह राजपूत, संतोष कुमार कुशवाहा और पूर्णिमा सिंह को अयोध्या के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) पद पर नियुक्त किया गया है। अयोध्या में आगामी धार्मिक और विकासात्मक परियोजनाओं को देखते हुए यह नियुक्तिया अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
प्रदेश सरकार का यह कदम प्रशासनिक स्तर पर गति और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों के तबादलों से न केवल प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा, बल्कि स्थानीय प्रशासन में नवाचार और सक्रियता भी बढ़ेगी। इसके साथ ही, नए अधिकारियों की तैनाती से जनता और शासन के बीच संवाद को और बेहतर बनाया जा सकेगा, जो सरकार के सुशासन के वादे को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तबादला सूची आगामी विधानसभा सत्र और पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। जिलों में कार्यरत अधिकारियों की कार्यशैली और छवि के आधार पर सरकार ने रणनीतिक नियुक्तियां की हैं। इससे यह भी स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि योगी सरकार प्रशासनिक कसावट को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
उत्तर प्रदेश में जारी पीसीएस अधिकारियों के तबादलों की यह श्रृंखला बताती है कि सरकार प्रशासनिक मशीनरी को नई ऊर्जा देने की दिशा में कार्यरत है। सोमवार और रविवार को हुए कुल 87 अधिकारियों के फेरबदल से राज्य में प्रशासनिक जिम्मेदारियों का एक नया चेहरा उभर कर सामने आया है। यह देखने वाली बात होगी कि इन नई नियुक्तियों से जमीनी स्तर पर किस हद तक प्रभाव दिखाई देता है और प्रशासनिक पारदर्शिता व सुशासन को किस रूप में मजबूती मिलती है।