लखनऊ

UP News: उत्तर प्रदेश में घर बनाना होगा महंगा: बालू-मौरंग और गिट्टी के शुल्क में वृद्धि से बढ़ेगी लागत

UP Building Material : उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्य पर असर पड़ने वाला है। योगी सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले उप खनिजों जैसे बालू, मौरंग और गिट्टी पर विनियमन शुल्क में 50 रुपये प्रति घन मीटर की वृद्धि कर दी है। यह वृद्धि भवन निर्माण की लागत को बढ़ा सकती है।

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Jan 25, 2025
Housing CostIncrease

UP Government : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में दूसरे राज्यों से आने वाले उपखनिजों पर लगने वाले विनियमन शुल्क को 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति घन मीटर कर दिया है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा जारी नए आदेश के तहत यह नियम प्रभावी हो गया है। इस बदलाव से राज्य में भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।

शुल्क वृद्धि के कारण और प्रभाव

1. शुल्क वृद्धि का उद्देश्य

  • भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक माला श्रीवास्तव के अनुसार
  • लेवल प्लेइंग फील्ड: राज्य के भीतर और बाहरी राज्यों से आने वाले उपखनिज व्यापारियों के लिए समान स्थितियां स्थापित करना।
  • राजस्व बढ़ोतरी: शुल्क वृद्धि से राजस्व में वृद्धि होगी।
  • अवैध परिवहन पर रोक: बाहरी राज्यों से आने वाले उपखनिजों के वाहनों की कड़ी जांच सुनिश्चित की जाएगी।

2. संभावित प्रभाव

  • निर्माण लागत में वृद्धि: बालू, मौरंग और गिट्टी के दाम बढ़ने से निर्माण कार्य महंगा हो सकता है।
  • मांग और आपूर्ति में असंतुलन: राज्य में उपखनिजों की मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ने से सामग्री की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।
  • बाजार में उथल-पुथल: अवैध परिवहन पर रोक के कारण आपूर्ति बाधित हो सकती है।

सरकार की रणनीतियां

1. कड़ाई से वाहनों की जांच

  • बाहरी राज्यों से आने वाले उपखनिजों के वाहनों की सख्त निगरानी की जाएगी।
  • ओवरलोडिंग और अवैध परिवहन पर सख्त कार्रवाई होगी।

2. पांच जिलों के खान अधिकारियों का तबादला

  • सरकार ने कानपुर देहात, हमीरपुर, मथुरा, बांदा और लखनऊ के खान अधिकारियों का स्थानांतरण किया है।
  • नए अधिकारियों को तैनात कर अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।

पिछले अनुभव और विशेषज्ञों की राय

  • पिछले अनुभव: पूर्व में भी सरकार द्वारा सख्ती बरतने के बाद बालू और गिट्टी की कीमतों में वृद्धि देखी गई थी।
  • विशेषज्ञों की राय: निर्माण उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि शुल्क वृद्धि से निर्माण लागत बढ़ेगी, जिससे निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को घर बनाना महंगा पड़ेगा।

समस्याओं के समाधान पर जोर

  • स्मार्ट सप्लाई चेन मैनेजमेंट: सरकार को उपखनिजों की मांग और आपूर्ति के संतुलन को बनाए रखने के लिए बेहतर रणनीति अपनानी होगी।
  • स्थानीय खनिजों का उपयोग: स्थानीय खनिज संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देकर बाहरी निर्भरता को कम किया जा सकता है।
  • शुल्क वृद्धि का पुनर्मूल्यांकन: अगर शुल्क वृद्धि के कारण निर्माण उद्योग में बाधा उत्पन्न होती है, तो सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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