लखनऊ

UP State Employees: संपत्ति का ब्योरा देने पर ही होगा प्रमोशन: उत्तर प्रदेश सरकार का सख्त आदेश

UP State Employees: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मियों के लिए 31 जनवरी 2025 तक संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों का प्रमोशन रोका जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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Dec 27, 2024
मुख्य सचिव ने जारी किया निर्देश, 31 जनवरी तक विवरण देना अनिवार्य

UP State Employees: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी राज्यकर्मियों के लिए संपत्ति विवरण देने को अनिवार्य कर दिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एक अति महत्वपूर्ण पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी 31 जनवरी 2025 तक अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण नहीं देंगे, उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा।

मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होगा विवरण
इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग किया जाएगा। 1 जनवरी 2025 से इस पोर्टल पर वर्ष 2024 का विवरण अपडेट किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के समस्त अधिकारी और कर्मचारी इस आदेश का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राज्यकर्मियों के लिए आदेश का महत्व
मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके अधीन सभी कर्मचारी समय सीमा के भीतर संपत्ति का ब्योरा दें।

आदेश के अनुसार

ब्योरा नहीं देने पर प्रमोशन रुक जाएगा।
कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
संपत्ति विवरण देना पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

क्यों है संपत्ति का विवरण जरूरी

सरकार के इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।

भ्रष्टाचार पर लगाम: संपत्ति विवरण देने से आय के स्रोत और उनके वैध होने की जांच हो सकेगी।

पारदर्शिता: सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी और संपत्ति का सही आकलन होगा।

नियमों का पालन: राज्य सरकार के नियमों और सेवा शर्तों के तहत यह प्रक्रिया अनिवार्य है।

क्या है मानव संपदा पोर्टल
उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के डाटा प्रबंधन के लिए मानव संपदा पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल सरकारी कर्मचारियों की जानकारी, वेतन, अवकाश और संपत्ति विवरण के अद्यतन के लिए उपयोग किया जाता है।

आसान प्रक्रियाएं

कर्मचारी ऑनलाइन विवरण अपडेट कर सकते हैं।

पारदर्शिता: पोर्टल पर डाटा सुरक्षित और सार्वजनिक समीक्षा के लिए उपलब्ध रहेगा।

कार्रवाई में मदद: जो कर्मचारी नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनकी पहचान आसानी से हो सकेगी।

सरकार का सख्त रुख

मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह निर्देश सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, और विभागाध्यक्षों को भेजा गया है ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास है। मुख्य सचिव का सख्त आदेश न केवल कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगा। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है

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