UP Targets 100% Farmer Registry: उत्तर प्रदेश सरकार 16 सितंबर से किसानों की 100 प्रतिशत रजिस्ट्री के लिए विशेष अभियान शुरू कर रही है। 2.88 करोड़ किसानों को पंजीकृत करने के लक्ष्य के तहत जिलाधिकारी प्रतिदिन प्रगति की समीक्षा करेंगे। बिजनौर सबसे आगे है, जबकि पिछड़े जिलों पर विशेष फोकस और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ने की तैयारी चल रही है।
UP Farmer Registry 2025: उत्तर प्रदेश में किसानों को सशक्त बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फार्मर रजिस्ट्री का विशेष अभियान 16 सितम्बर से शुरू होने जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य प्रदेश के 2.88 करोड़ से अधिक किसानों का शत-प्रतिशत (100%) पंजीकरण करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर जिले का जिलाधिकारी स्वयं इस अभियान की प्रतिदिन समीक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसान रजिस्ट्री के लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। राजस्व विभाग को आदेश दिया गया है कि सभी राजस्व अधिकारियों को मानक कार्यप्रणाली (SOP) उपलब्ध कराई जाए। अधिकार अभिलेख (Land Records) में मालिकों के नाम आधार के अनुरूप सही किए जाएंगे, जिससे किसानों की पहचान में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए। अभियान के दौरान उन किसानों का डाटा फील्ड अधिकारियों द्वारा वेरिफाई किया जा रहा है, जो अब तक रजिस्ट्री में शामिल नहीं हो पाए हैं।
कुछ जिलों में किसानों का डाटा पूरी तरह वेरिफाई हो चुका है। इनमें अमरोहा, आजमगढ़, बलरामपुर, एटा और जौनपुर प्रमुख हैं। इन जिलों में प्रशासन ने फील्ड लेवल पर तेजी से काम करते हुए किसानों की जानकारी को आधार और भूमि अभिलेख से मिलान कर लिया है।
योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की अगली किस्त जारी होने से पहले सभी पात्र किसानों का 100% पंजीकरण पूरा होना चाहिए। इससे किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिलेगी और किसी भी पात्र किसान का नाम योजना से छूटेगा नहीं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि पिछड़ रहे जिलों पर विशेष फोकस किया जाए। अतिरिक्त मानव संसाधन, विशेष कैंप और मोबाइल टीमों के जरिए रजिस्ट्री तेजी से पूरी की जाए। किसानों को जागरूक करने के लिए IEC (Information, Education and Communication) गतिविधियां चलें- गांव स्तर पर घोषणाएं, पोस्टर, पर्चे, ग्राम सभाओं में प्रचार और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो।