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Heavy Rain: 23 अगस्त से लौटेगी झमाझम बारिश: पूर्वी यूपी में ज्यादा असर, पश्चिमी जिलों और तराई में भी भीगेंगे आसमान

Heavy Rains in UP: बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव और मानसूनी सिस्टम के असर से उत्तर प्रदेश में 23 अगस्त से झमाझम बारिश लौटने की संभावना है। पूर्वी यूपी के वाराणसी, गोरखपुर, बलिया जैसे जिलों में अधिक प्रभाव रहेगा, जबकि पश्चिमी यूपी और तराई में भी अच्छी वर्षा के आसार हैं।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Aug 21, 2025

यूपी में झमाझम बारिश की वापसी: पूर्वी इलाकों में ज्यादा असर, पश्चिमी यूपी और तराई भी भीगेंगे (फोटो सोर्स : Social Media, Whatsapp)

यूपी में झमाझम बारिश की वापसी: पूर्वी इलाकों में ज्यादा असर, पश्चिमी यूपी और तराई भी भीगेंगे (फोटो सोर्स : Social Media, Whatsapp)

Heavy Rains to Return in UP from 23 Aug : उत्तर प्रदेश के मौसम में अगले कुछ दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बंगाल की खाड़ी में लगातार बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र और सक्रिय मानसूनी सिस्टम के चलते 23 अगस्त से प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर दोबारा शुरू होने जा रहा है।

मौसम का मौजूदा हाल

  • मौसम विभाग के अनुसार, इस समय दक्षिणी उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भारी वर्षा हो रही है। इन क्षेत्रों में सक्रिय निम्न दबाव का असर उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है।
  • अगले 48 घंटों तक यूपी के कई हिस्सों में हल्की बारिश या बौछारें पड़ने की संभावना है।
  • इसके बाद 23 और 24 अगस्त से बारिश का रुख तेज होगा।

पूर्वी यूपी में सबसे ज्यादा असर

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले, वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर और आजमगढ़ में 23 अगस्त से मध्यम से तेज वर्षा होगी। इन इलाकों में लगातार बारिश होने से तापमान में गिरावट और उमस से राहत मिलेगी। किसानों को खरीफ फसलों (धान, मक्का, अरहर) के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है। पश्चिमी यूपी और तराई क्षेत्र भी होंगे भीगे, केवल पूर्वी यूपी ही नहीं, बल्कि पश्चिमी जिलों और तराई क्षेत्रों में भी अच्छी वर्षा के आसार हैं।मेरठ, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में मानसून की सक्रियता बढ़ेगी।लगातार वर्षा से जलस्तर सुधरेगा और भूजल पुनर्भरण की गति तेज होगी।

कृषि के लिए बारिश का महत्व

  • प्रदेश के कई हिस्सों में हाल ही में बारिश की कमी के कारण धान की रोपाई और अन्य खरीफ फसलों पर असर पड़ा था।
  • 23 अगस्त के बाद की बारिश से धान की नर्सरी और रोपाई को रफ्तार मिलेगी।
  • अरहर और मक्का की फसल को भी पर्याप्त नमी मिलेगी।
  • हालांकि, अत्यधिक बारिश होने पर निचले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या भी खड़ी हो सकती है।

मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र तेजी से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है।इसके कारण मानसून की ट्रफ लाइन (Monsoon Trough) फिर से उत्तर भारत की ओर सक्रिय हो रही है।यह सिस्टम कम से कम 3–4 दिन तक सक्रिय रह सकता है, जिससे लगातार वर्षा की संभावना है।

तापमान और आर्द्रता पर असर

  • बारिश शुरू होने से दिन के तापमान में गिरावट होगी और उमस से राहत मिलेगी।
  • अधिकतम तापमान 33–35°C से घटकर 30–31°C के आसपास आ सकता है।
  • आर्द्रता (Humidity) बढ़ने से हवा में ठंडक का एहसास होगा।

यातायात और जलभराव की चुनौती

  • जहां यह बारिश किसानों के लिए खुशखबरी है, वहीं शहरी क्षेत्रों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
  • नगर निगमों और जिला प्रशासन को ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और नालों की निगरानी के निर्देश दिए जा सकते हैं।
  • भारी वर्षा वाले जिलों में राहत दल (Relief Teams) को अलर्ट रहने की सलाह दी जाएगी।

सरकारी तैयारी और चेतावनी

राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि मौसम विभाग की चेतावनी पर तुरंत प्रतिक्रिया दें। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करें। किसानों को सलाह दी जाए कि वे खेतों में अतिरिक्त पानी का निकास सुनिश्चित करें। सिंचाई विभाग को बांधों और नहरों के जलस्तर पर नजर रखने को कहा गया है।

सामान्य जनजीवन पर असर

  • लगातार बारिश से यात्रा योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
  • बस और ट्रेन सेवाओं में संभावित देरी की संभावना है।
  • स्कूल–कॉलेजों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अवकाश या समय-सारणी में बदलाव करना पड़ सकता है।