UP Excise New Rules: उत्तर प्रदेश में शराब की आपूर्ति में पारदर्शिता लाने और हेराफेरी रोकने के लिए आबकारी विभाग ने नया नियम लागू किया है। अब डिस्टलरी से शराब उठाने से पहले थोक विक्रेताओं को ऑनलाइन भुगतान करना अनिवार्य होगा। पूरी प्रक्रिया को ‘आईईएससीएमएस’ प्रणाली के ज़रिए डिजिटल निगरानी में लाया गया है।
UP Digital Liquor Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शराब की आपूर्ति में हो रही हेराफेरी और टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आबकारी विभाग द्वारा लागू की गई नई नीति के तहत अब थोक विक्रेताओं को डिस्टलरी से शराब प्राप्त करने से पहले ऑनलाइन भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने ‘इंटीग्रेटेड एक्साइज सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम’ (IESCMS) को लागू कर, सप्लाई चेन को पूरी तरह से पारदर्शी और डिजिटल बना दिया है।
इस प्रणाली के तहत अब शराब की मांग, आपूर्ति और बिक्री की हर गतिविधि पर ऑनलाइन निगरानी रखी जाएगी। इस पूरी व्यवस्था को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि किसी भी स्तर पर घपले या टैक्स चोरी की गुंजाइश ना रहे। विभाग को चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹63,000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया गया है, जिसके चलते यह कदम काफी अहम माना जा रहा है।
नई नीति के मुताबिक थोक विक्रेताओं को अब शराब की मांग सीधे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से फैक्ट्रियों को भेजनी होगी। यह डिमांड तभी मानी जाएगी जब उसका पूरा भुगतान पहले ही कर दिया गया हो। केवल भुगतान की पुष्टि के बाद ही फैक्ट्री से शराब की निकासी संभव होगी। इसके अलावा संबंधित टैक्स का भुगतान भी पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से होगा।
आबकारी विभाग ने शराब के उत्पादन से लेकर आपूर्ति तक की प्रक्रिया पर चौकसी बढ़ा दी है। डिस्टलरियों में अब हाई-रेज़ोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे हर गतिविधि पर 24x7 नजर रखी जा सके। वहीं, ट्रांसपोर्टेशन के दौरान किसी भी हेराफेरी को रोकने के लिए शराब ले जाने वाले वाहनों में GPS सिस्टम भी अनिवार्य कर दिया गया है। अब हर गाड़ी की मूवमेंट को विभाग के कंट्रोल रूम से ट्रैक किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शराब सीधे गंतव्य पर ही पहुंचे और बीच में कहीं कोई अवैध निकासी या रूट डायवर्जन न हो।
सरकार ने शराब और भांग की दुकानों के आवंटन में भी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-लाटरी सिस्टम लागू किया है। अब तक तीन चरणों में ई-लाटरी के जरिए दुकानों का आवंटन हो चुका है। इसके तहत देशी शराब की 16, कंपोजिट की 4, भांग की 32 और एक मॉडल शॉप का आवंटन बाकी रह गया है।
राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में शराब और भांग से ₹52,297.08 करोड़ की आय हुई है, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा ₹45,570.47 करोड़ और 2022-23 में ₹41,252.24 करोड़ था। लगातार बढ़ती कमाई को देखते हुए सरकार ने इस बार ₹63,000 करोड़ का टारगेट निर्धारित किया है। आबकारी विभाग की नई प्रणाली से यह उम्मीद की जा रही है कि न केवल राजस्व बढ़ेगा, बल्कि माफिया तंत्र और अवैध धंधे पर भी कड़ा प्रहार होगा।
यह नीति राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत विभिन्न विभागों को डिजिटलाइजेशन और पारदर्शिता के माध्यम से दक्षता बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा गया है। आबकारी विभाग की इस नई पहल को नीति-निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है।