UP Weather: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गर्मी और उमस ने सभी को बेहाल किया हैं, तो कही पर बारिश ने किसानो की परेशानी बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने जारी किया नया अपडेट।
UP Weather: अक्टूबर के महीने में उत्तर भारत के लोग असामान्य मौसम का सामना कर रहे हैं। जहां नवरात्रि के दौरान आमतौर पर हल्की ठंड का अनुभव होता था, वहीं इस साल गर्मी और उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है।
शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में बारिश से मौसम सुहावना हो गया, जबकि लखनऊ समेत कई जगहों पर उमस भरी गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ाई। शुक्रवार को अधिकतर हिस्सों में चिलचिलाती धूप और उमस का असर देखने को मिला था, लेकिन अब मानसून की पलटी के बाद कुछ जगहों पर राहत मिली है।
अमेठी में 5 अक्टूबर से झमाझम बारिश शुरू हो गई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश ने किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। खड़ी फसलें गिरने से किसानों के चेहरों पर मायूसी देखी जा रही है।
अक्टूबर के महीने में लगातार बढ़ते तापमान ने लोगों को चौंका दिया है। इस समय हल्की ठंड का अहसास होने की उम्मीद थी, लेकिन अब भी उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। शनिवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर में गर्मी महसूस की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, 6 से 9 अक्टूबर के बीच प्रदेश के उत्तरी पूर्वी हिस्सों में छिटपुट बारिश हो सकती है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।
पिछले 24 घंटों में पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई। 7 और 8 अक्टूबर को भी पश्चिमी और पूर्वी यूपी के कुछ हिस्सों में बहुत हल्की बारिश हो सकती है।
अधिकतम तापमान: 36.6°C (आगरा)
न्यूनतम तापमान: 21.4°C (मुजफ्फरनगर)
अक्टूबर में मौसम के इस असामान्य बदलाव से लोग हैरान हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही ठंड का असर महसूस होगा।
मानसून की पलटी से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अचानक आई बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों में खड़ी फसलें गिर रही हैं, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। अमेठी और अन्य इलाकों में किसान, जो अपनी फसल कटाई के करीब थे, अब नुकसान के डर से चिंतित हैं।
खड़ी फसलों जैसे धान, गन्ना और सब्जियों को नुकसान हो रहा है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है। फसल गिरने से उत्पादन क्षमता घट जाएगी, जिससे किसानों की आय में भी कमी आ सकती है।
अचानक मौसम के इस बदलाव से खेतों में अतिरिक्त पानी जमा होने का खतरा है, जिससे फसल की गुणवत्ता और बाजार में उसकी कीमत पर भी असर पड़ सकता है। सरकार और कृषि विभाग को इन हालातों में किसानों के लिए राहत योजना और मुआवजे की व्यवस्था करनी होगी, ताकि किसानों की स्थिति को संभाला जा सके।