UP Winter Session 2025: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। कोडीन कफ सिरप कांड को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। विधानसभा और विधान परिषद में तीखी नोकझोंक, पोस्टर-प्रदर्शन और इस्तीफे की चुनौती से राजनीतिक माहौल गरमा गया।
Assembly Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को हंगामेदार आगाज हुआ। सत्र के पहले ही दिन विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। कोडीन कफ सिरप कांड, नलकूपों की स्थिति, इस्तीफे की चुनौती और पोस्टर–प्रदर्शन ने पूरे दिन की कार्यवाही को राजनीतिक आरोप–प्रत्यारोप के केंद्र में ला दिया।
सत्र शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया से बातचीत में कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में अब तक जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनके संबंध सपा से जुड़े पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने तीखे अंदाज में कहा कि इतना ही कहना चाहेंगे कि उम्र भर यही गलती बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आइना साफ करता रहा। विधान परिषद में अगर मामला आएगा तो हम जवाब देंगे। सीएम के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया। विपक्ष ने इसे ध्यान भटकाने की कोशिश बताया, जबकि सत्ता पक्ष ने जांच के निष्कर्षों का हवाला देकर आरोपों को सही ठहराया।
करीब एक घंटे बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के बयान पर करारा पलटवार किया। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा,“जब खुद फंस जाओ, तो दूसरे पर इल्जाम लगाओ, ये खेल हुआ पुराना, हुक्मरान कोई नई बात बताओ।”
अखिलेश ने कहा कि सरकार को आरोप लगाने के बजाय निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।
सदन की कार्यवाही के दौरान घोसी से विधायक रहे सुधाकर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया। सदन ने दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधान परिषद में सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और नेता शिक्षक दल ध्रुव कुमार त्रिपाठी के बीच नलकूपों की स्थिति को लेकर तीखी बहस हो गई। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने सिद्धार्थनगर जिले में नलकूपों के संचालन को लेकर सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाए। सिंचाई मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सिद्धार्थनगर में 455 नलकूप संचालित हैं। इस पर ध्रुव कुमार ने मंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा कि एक भी नलकूप ठीक से संचालित नहीं है और कहीं पानी नहीं आ रहा।
बहस के दौरान मामला इतना बढ़ गया कि मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि कोई पांच नलकूप बता दीजिए जो खराब हैं। अगर 455 खराब है तो वह भी बताइए। यह सदन है। अगर 455 खराब हैं तो हम जांच कर लेंगे। आपको भी इस्तीफा देना पड़ेगा, मैं भी दूंगा। यह झूठ की पराकाष्ठा है। मंत्री के इस बयान पर सदन में शोर-शराबा बढ़ गया। आखिरकार सभापति को हस्तक्षेप करना पड़ा और कार्यवाही को शांत कराया गया। इसके बाद विधान परिषद की कार्यवाही भी सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इधर, विधानसभा परिसर में सपा विधायकों ने कोडीन कफ सिरप कांड के विरोध में प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। सपा विधायक बृजेश यादव साइकिल पर कोडीन कफ सिरप का डिब्बा बांधकर विधानसभा पहुंचे। डिब्बे पर लिखा था -
“जादुई सिरफ। पीने वाला मर जाता है। बेचने वाला दौलतमंद हो जाता है। सत्ता का संरक्षण पाता है। फिर विदेश निकल जाता है। वहीं, सपा विधायक मुकेश वर्मा पोस्टर पहनकर सदन पहुंचे। पोस्टर पर लिखा था“सिरप कांड में बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। इनके घर कब बुलडोजर जाएगा। जहर का धंधा बंद किया जाए।” सपा विधायकों का कहना था कि सरकार चुनिंदा कार्रवाई कर रही है और बड़े मगरमच्छों को बचाया जा रहा है।
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी सपा पर पलटवार किया। वह सदन में एक तस्वीर लेकर पहुंचे, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ कोडीन कफ सिरप मामले में आरोपी और फरार STF सिपाही आलोक सिंह नजर आ रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा की “तस्वीर में जो लोग अखिलेश यादव के साथ दिख रहे हैं, वे कफ सिरप कांड में फरार हैं। गांव में कहावत है-चोर की दाढ़ी में तिनका। सपाई अपनी ही दाढ़ी सहला कर बता रहे हैं कि कुछ फंसा है।”
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना वित्तीय वर्ष 2025-26 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसके अलावा सदन में करीब चार घंटे तक ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा प्रस्तावित है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय कोडीन कांड समेत कई अहम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 और 24 दिसंबर को विधानसभा में सरकार का पक्ष रखेंगे।
कुल मिलाकर, शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे तेवर देखने को मिले। कोडीन कफ सिरप कांड जहां राजनीतिक बहस का केंद्र बना रहा, वहीं नलकूपों की स्थिति और इस्तीफे की चुनौती ने सदन की गरिमा को भी सवालों के घेरे में ला दिया। आने वाले दिनों में अनुपूरक बजट, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और विकास योजनाओं पर चर्चा के साथ यह सत्र और भी हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्ता पक्ष जहां अपने फैसलों और जांच पर भरोसा जता रहा है, वहीं विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पूरी तैयारी में नजर आ रहा है।