UP Traffic Rules: उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब भारी पड़ने वाली है। 5000 करोड़ रुपये के बकाया चालानों की वसूली के लिए प्रशासन ने सख्त अभियान शुरू किया है। 3 लाख गाड़ियां और 60 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस अब रडार पर हैं, जिनकी जब्ती और रद्दीकरण की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
UP Cracks Down on ₹5000 Cr Traffic Fines: उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर शासन-प्रशासन अब बेहद सख्त हो गया है। ट्रैफिक विभाग ने प्रदेशभर में 5000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया चालानों की वसूली के लिए बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। जो वाहन मालिक बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं और चालान नहीं भरते, उनकी गाड़ियां अब ब्लैकलिस्ट की जा रही हैं और उनके ड्राइविंग लाइसेंस (DL) को रद्द या निलंबित किया जा रहा है।
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की इस साझा मुहिम में अब तक 3,01,410 गाड़ियों और 58,893 ड्राइविंग लाइसेंस धारकों की सूची तैयार कर ली गई है, जिन पर नियमों की लगातार अनदेखी का आरोप है। इनमें से अब तक 1,006 ड्राइविंग लाइसेंस और 3,964 गाड़ियों के पंजीकरण (RC) निलंबित या रद्द किए जा चुके हैं। विभाग का कहना है कि यह केवल शुरुआत है, आगे यह कार्रवाई और तेज़ की जाएगी।
ट्रैफिक विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बरेली ज़ोन में सबसे अधिक उल्लंघन के मामले दर्ज हुए हैं। यहां 21,000 से अधिक वाहन स्वामियों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 5,833 ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है, जबकि 130 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स (RC) को चिन्हित किया गया है।
मेरठ ज़ोन में 1,323 उल्लंघनकर्ता पाए गए, जिनमें से 260 DL सस्पेंड कर दिए गए हैं। वहीं आगरा ज़ोन में 1,585 DL निलंबन की सिफारिश की गई है और 30,000 से अधिक गाड़ियों के पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। लखनऊ ज़ोन में 4,351 गाड़ियों और 1,820 DL पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की गई है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG ट्रैफिक) के. सत्यनारायण ने कहा कि राज्य में 5000 करोड़ रुपये से अधिक के चालान बकाया हैं। यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि गाड़ी मालिक नियमों को गंभीरता से नहीं लेते और सोचते हैं कि कोर्ट में जाकर चालान माफ करवा लेंगे या जुर्माना घट जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब पांच या उससे अधिक बकाया चालान होने पर RC ब्लैकलिस्ट की जाएगी और DL रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए लगातार कार्रवाई की जाएगी ताकि सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में कमी लाई जा सके।"
2021 में प्रदेश में 67 लाख गाड़ियों का चालान किया गया था, जिससे 867 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 2024 तक चालानों की संख्या दोगुनी होकर 1.36 करोड़ हो गई, लेकिन वसूली सिर्फ 105 करोड़ रुपये ही हो सकी। इससे स्पष्ट है कि वाहन मालिक चालान को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
विभाग ने 20 ऐसे जिलों को चिन्हित किया है जहां ट्रैफिक नियमों का सबसे अधिक उल्लंघन होता है और सड़क हादसों की दर सबसे अधिक है। इस सूची में लखनऊ पहले स्थान पर है। यहां 2024 में कुल 1,630 सड़क हादसे हुए जिनमें 576 लोगों की मौत और 1,165 लोग घायल हुए।
इनके अलावा जिन ज़िलों में भारी संख्या में हादसे और नियम उल्लंघन दर्ज हुआ है, वे हैं:
इस व्यापक अभियान को उत्तर प्रदेश की सड़क सुरक्षा रणनीति के तहत चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है – लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना, लापरवाह ड्राइविंग पर लगाम लगाना और सड़क हादसों को कम करना। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब चालान को टालना आसान नहीं होगा। ट्रैफिक पुलिस अब कैमरों के माध्यम से भी निगरानी बढ़ा रही है और ई-चालान को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही नियम तोड़ने वाले दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पहचान GPS और कैमरा डेटा से की जा रही है।
ट्रैफिक विभाग और पुलिस ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे समय पर अपने चालान का भुगतान करें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़कों को सुरक्षित बनाएं। लापरवाही और मनमानी की कीमत अब भारी पड़ेगी। यदि गाड़ी या लाइसेंस पर 5 या अधिक चालान बकाया है तो जल्द से जल्द निपटारा करें, नहीं तो RC और DL दोनों जब्त किए जा सकते हैं।