Uttar Pradesh में 2017 से लागू जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। अब तक 12,000 से अधिक मुठभेड़ों में 232 अपराधी मारे गए और 27,195 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे राज्य में अपराधों पर काबू पाया गया है।
Uttar Pradesh में अपराधियों के खिलाफ यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस की कार्यवाही लगातार तेज हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। 2017 से लेकर अब तक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12,000 से अधिक मुठभेड़ों में 232 से ज्यादा अपराधियों को मार गिराया, जबकि 16,000 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। राज्य में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर योगी सरकार लगातार सक्रिय रही है और यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश में अपराध की घटनाओं में कमी आई है।
यूपी पुलिस ने मार्च 2017 से 5 सितंबर 2024 तक कुल 12,960 मुठभेड़ों का सामना किया। इन मुठभेड़ों में 232 से अधिक अपराधियों को पुलिस ने ढेर कर दिया, और 1,601 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, करीब 27,195 अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई है। पुलिस की इस कड़ी कार्रवाई के परिणामस्वरूप अपराधियों में खौफ है और अपराध की घटनाओं में कमी आई है। मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों में से कई 25 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक के इनामी थे।
पुलिस ने जिन अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया, उनमें कई बड़े इनामी अपराधी शामिल हैं। 2.5 लाख रुपये के इनामी चार अपराधी मारे गए, जबकि 2 लाख रुपये के इनामी छह अपराधी भी मुठभेड़ों में ढेर हुए। इसके अलावा 1.5 लाख रुपये के इनामी 27 अपराधी और 1 लाख रुपये के इनामी भी मारे गए। इन मुठभेड़ों में पुलिस ने ऐसे अपराधियों को निशाना बनाया, जो समाज में आतंक फैला रहे थे और उनके ऊपर सरकार ने इनाम घोषित किया था।
मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों के जातिगत आंकड़े भी सामने आए हैं। इनमें मुस्लिम समुदाय के 67, ब्राह्मण 20, ठाकुर 18, यादव 16, दलित 14, एसटी 3, सिख 2, ओबीसी 8 और अन्य जातियों के 59 अपराधी शामिल हैं। इस आंकड़े से यह साफ होता है कि यूपी पुलिस अपराधियों के खिलाफ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं बरत रही है और प्रत्येक जाति और धर्म के अपराधियों के खिलाफ समान कार्रवाई की जा रही है।
मेरठ जिले में सबसे ज्यादा मुठभेड़ें हुईं हैं। मेरठ में अकेले 3,723 मुठभेड़ें हुईं, जिनमें पुलिस ने 66 अपराधियों को ढेर किया। मेरठ, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है, में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। यहां के अपराधी अक्सर पुलिस के लिए चुनौती बनते थे, लेकिन अब पुलिस की कड़ी कार्रवाई के चलते वहां की स्थिति में सुधार आया है।
इस संघर्ष में यूपी पुलिस के 17 जवान भी शहीद हुए हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान अपनी जान गंवाई। ये शहीद पुलिस जवान उन अपराधियों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए जिन्होंने समाज में आतंक फैला रखा था। उनकी शहादत यूपी पुलिस के लिए प्रेरणास्रोत है और उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिसके चलते पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। योगी सरकार के इस कदम से राज्य में अपराध की घटनाओं में कमी आई है और लोग अब खुद को सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। पुलिस की मुठभेड़ों के कारण अपराधी अब अपनी गतिविधियों में पहले जैसा साहस नहीं दिखा पा रहे हैं और अपराधों में कमी आई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की यह कार्यवाही और भी तेज होगी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यवाही को और प्रभावी बनाने के लिए कई योजनाएं बना रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ मुठभेड़ों को और बढ़ाना, विशेष रूप से उन अपराधियों के खिलाफ जो गंभीर अपराधों में लिप्त हैं, पुलिस की प्राथमिकता है। इसके साथ ही, अपराधियों के खिलाफ सूचना देने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा और अपराध मुक्त यूपी बनाने के लिए पुलिस अपने प्रयासों को दोगुना करेगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति ने अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। 2017 से लेकर अब तक हुए 12,000 मुठभेड़ों और गिरफ्तारियों ने यह साबित कर दिया है कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त है। अब यूपी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है और राज्य की कानून व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई ने अपराधियों के लिए न केवल डर पैदा किया है बल्कि आम जनता के बीच भी सुरक्षा का अहसास बढ़ाया है।