JPC on Waqf Amendment Bill: जेपीसी के वक्फ अमेंडमेंट बिल पर समाजवादी पार्टी की नेत्री डिंपल यादव ने बड़ा बयान दिया है। उनके बयान के बाद सियासत में बड़े उलटफेर के कयास लगाए जा रहे हैं। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला ?
Samajwadi Party Leader in Waqf Amendment Bill: राज्यसभा में वक्फ बिल पेश होने पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा, "आपने जो सलाह दी, उसे हम मानते हैं। यही तरीका सरकार भी अपनाए तो सही रहेगा। हमारा मुद्दा साफ है। जेपीसी की रिपोर्ट में कई सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उनके डिसेंट नोट को हटा दिया गया, जो संसदीय परंपरा के खिलाफ है। यह रिपोर्ट हमारे लिए फर्जी और असंवैधानिक है। हम मांग करते हैं कि इस रिपोर्ट को दोबारा पेश किया जाए।"
वक्फ बिल पर JPC की रिपोर्ट पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "हम इस बिल का विरोध करते हैं। पूरा विपक्ष एक साथ है। सत्ता पक्ष के भी कुछ गुट इस मुद्दे पर हमारे साथ हो सकते हैं।"
विपक्ष के तीखे तेवरों का जवाब अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिया। उन्होंने कहा, "जब जेपीसी की रिपोर्ट टेबल हुई, कुछ सदस्यों ने कहा कि इसका कुछ हिस्सा हटाया गया है। मैं बाहर जाकर जेपीसी चेयरमैन से बात की और उनसे पुष्टि की। नियमों के अनुसार, रिपोर्ट को बिना किसी काट-छांट के टेबल किया गया है। अब सवाल उठता है कि आज ये हंगामा क्यों हो रहा है? ये आरोप किस आधार पर लगाए जा रहे हैं?"
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर पेश की गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) रिपोर्ट को समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा, "वक्फ पर जो बिल पेश हुआ है वो भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा है। जेपीसी में चर्चा के दौरान जेपीसी के अध्यक्ष ने जिस तरह से विपक्ष के सदस्यों को निकालने का काम किया। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों की बात नहीं सुनी गई। इससे साफ पता चलता है कि यह भारतीय जनता पार्टी का ऐजेंडा ही है। जेपीसी का गठन ही मात्र औपचारिकता मात्र रह गया। समाजवादी पार्टी जेपीसी का विरोध करती है और हमेशा करती रहेगी। पीडीए (पिछड़े, दलित, आदिवासी) के अधिकारों को भारतीय जनता पार्टी छीनना चाहती है। समाजवादी पार्टी पीडीए के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी।"