Madrasa Bill: योगी कैबिनेट ने मदरसा बिल की वापसी को मंजूरी दे दी है। डिप्टी CM ब्रजेश पाठक का कहना है कि अब दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
Madrasa Bill: उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 2016 में पेश मदरसा बिल (Madrasa Bill) वापस करने के लिए मंजूरी दे दी है। इस बिल में मदरसा शिक्षकों की जांच या कार्रवाई का पहले कोई प्रावधान नहीं था। बिल वापसी के बाद अब पुलिस शिक्षकों की जांच कर सकती है। साथ ही जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी भी कर सकती है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने कहा, ''सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। साथ ही पूरी स्थिति पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी गई है। उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रदेश के सभी बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले। सभी बच्चे कल के भारत के निर्माण में योगदान दे सकें, इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है। सभी बच्चों को समान शिक्षा और बेहतर जीवन देने के लिए प्रयास जारी हैं।''
वहीं ओपी राजभर ने कहा, '' यह बिल 2016 में विधानसभा से पास हुआ था। राज्यपाल के पास भेजा गया। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इस बिल में प्रावधान था कि अगर मदरसे के शिक्षकों को 20 से 27 तारीख तक तनख्वाह नहीं दी गई तो संबंधित क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस बिल की विसंगति ये थी कि मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस को किसी की गिरफ्तारी का अधिकार नहीं दिया गया था। यह संविधान से ऊपर जाकर किया गया फैसला था। ऐसे में सरकार ने बिल वापसी की सहमति दे दी।"
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि यह नियम संविधान के अनुरूप नहीं था, इसलिए राष्ट्रपति से यह वापस आ गया। अब नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसमें नए नियम होंगे। इसमें स्पष्ट होगा कि अगर कोई गलती करता है तो दरोगा के पास कार्रवाई का अधिकार होगा। पुलिस और कोर्ट के आदेश का पालन भी सुनिश्चित किया जाएगा।