Yogi Government Expressway Project: उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई रफ्तार देते हुए योगी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए ₹1,246 करोड़ का प्रावधान किया है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे परियोजना निवेश, लॉजिस्टिक्स, उद्योग और वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
Yogi Government Global Connectivity: उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया के निवेश मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु ₹1,246 करोड़ का प्रावधान किया है। यह परियोजना न केवल प्रदेश की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी, बल्कि औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक्स, निर्यात और रोजगार सृजन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। सरकार के अनुसार, इस राशि से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज किया जाएगा, ताकि परियोजना को तय समय सीमा में धरातल पर उतारा जा सके। जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे का यह सीधा संपर्क उत्तर प्रदेश को एक मजबूत इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने की रणनीति का अहम हिस्सा है।
प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे पूरी तरह एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, यानी इसमें नियंत्रित प्रवेश और निकास की व्यवस्था होगी। इससे यातायात सुगम, सुरक्षित और तेज बनेगा। यह एक्सप्रेसवे सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर को गंगा एक्सप्रेस वे से जोड़ेगा, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य यूपी और पूर्वांचल के बीच आवागमन और माल ढुलाई में अभूतपूर्व सुधार होगा। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह कॉरिडोर फ्रेट ट्रांसपोर्ट को तेज करेगा। निर्यात आधारित उद्योगों को नई ताकत देगा। औद्योगिक सप्लाई चेन को अधिक कुशल बनाएगा। यात्रियों को एयरपोर्ट तक सीधी और तेज़ पहुंच उपलब्ध कराएगा
योगी सरकार का मानना है कि यह परियोजना निवेश आकर्षण के लिहाज़ से गेम चेंजर साबित होगी। जेवर एयरपोर्ट पहले ही देश के सबसे बड़े और आधुनिक एयरपोर्ट्स में गिना जा रहा है। अब इसके सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ने से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग जगत के विशेषज्ञों के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी। निर्यात-आयात प्रक्रियाएं तेज होंगी। वेयरहाउसिंग, ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
राज्य सरकार का फोकस उत्तर प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाने पर है। जेवर एयरपोर्ट और उससे जुड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क के जरिए यूपी अब अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनेगा। वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी भूमिका मजबूत करेगा। पर्यटन, व्यापार और उद्योग तीनों क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ेगा। सरकार का कहना है कि यह परियोजना ‘न्यू यूपी’ विज़न का हिस्सा है, जहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर को आर्थिक विकास की रीढ़ बनाया जा रहा है।
₹1,246 करोड़ के बजट का बड़ा हिस्सा भूमि अधिग्रहण पर खर्च किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों और भूमि मालिकों को समय पर और उचित मुआवजा मिले। पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए भूमि अधिग्रहण को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि निर्माण कार्य में किसी प्रकार की देरी न हो।
उत्तर प्रदेश पहले ही देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां सबसे अधिक एक्सप्रेस वे नेटवर्क मौजूद है। यमुना एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। अब जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला यह नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इस नेटवर्क को और मजबूत करेगा।
नए अपडेट: सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कॉरिडोर के आसपास। इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित करने की योजना है। लॉजिस्टिक्स पार्क और मल्टी-मॉडल हब बनाए जाएंगे। रोजगार सृजन के लिए स्किल डेवलपमेंट से जुड़ी योजनाएं लागू होंगी। इसके साथ ही, सरकार यह भी देख रही है कि इस एक्सप्रेस वे को भविष्य में अन्य प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से जोड़ा जाए, ताकि कनेक्टिविटी और व्यापक हो सके।
इस परियोजना से न केवल बड़े उद्योगों को लाभ होगा, बल्कि आम जनता को भी बेहतर सड़क कनेक्टिविटी ,कम यात्रा समय ,सुरक्षित और आधुनिक परिवहन सुविधा साथ में क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसर मिलेगा। `