लखनऊ

Yogi Government: श्रीअन्न की खेती से किसान बन रहे मालामाल, योगी सरकार की योजना से खेती का बढ़ा आकर्षण

Yogi Government: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार श्रीअन्न (मोटे अनाज) की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद और समय पर भुगतान से किसानों को बड़ा लाभ हो रहा है। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिली है।

3 min read
Dec 14, 2024
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में मोटे अनाजों की खरीद से किसानों को बड़ा लाभ

Yogi Government: मोटे अनाज (श्रीअन्न) की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने न केवल मोटे अनाजों जैसे बाजरा, मक्का और ज्वार की खेती को प्रोत्साहित किया है, बल्कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी फसल का उचित मूल्य भी सुनिश्चित किया है। इस योजना से किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं और प्रदेश में मोटे अनाज की खेती का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

सरकार का प्रयास: खरीफ विपणन वर्ष में 31 दिसंबर तक होगी मोटे अनाज की खरीद

योगी सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए 2.20 लाख टन बाजरा, 15 हजार टन मक्का और 20 हजार टन ज्वार की खरीद का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार ने ज्वार की खरीद में लक्ष्य को पार कर लिया है। आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 28,631 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद की है, जो लक्ष्य से अधिक है। बाजरा की बात करें तो अब तक 13,617 किसानों से 73,246 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हो चुकी है। सरकार ने किसानों को 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है। यह प्रक्रिया किसानों के लिए पारदर्शी और आसान बनाई गई है।

MSP का निर्धारण: किसानों के हित में नई क्रय नीति

सरकार ने मोटे अनाजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है:

मक्का: 2225 रुपये प्रति क्विंटल
बाजरा: 2625 रुपये प्रति क्विंटल
ज्वार (हाइब्रिड): 3371 रुपये प्रति क्विंटल
ज्वार (मालदांडी): 3421 रुपये प्रति क्विंटल
इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है और वे मोटे अनाज की खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

क्रय केंद्रों पर सुविधाएं: किसानों की सहूलियत को प्राथमिकता

प्रदेश भर में बाजरा के लिए 306 क्रय केंद्र और ज्वार के लिए 79 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों को उनकी फसल बेचने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं। किसानों के लिए बैठने, पानी, छाया और धान सुखाने की उचित व्यवस्था की गई है। 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक राहत मिल रही है। धान की खरीद के लिए भी प्रदेश में 4,323 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां अब तक 3,27,915 किसानों से 23 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है।

श्रीअन्न: स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक
योगी सरकार ने मोटे अनाजों को "श्रीअन्न" का नाम देकर इसे खास तवज्जो दी है। श्रीअन्न न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के दौर में यह फसल कम पानी में भी उगाई जा सकती है। सरकार का उद्देश्य मोटे अनाजों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनाना है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।

किसानों का अनुभव: सरकार की योजना से बढ़ा आत्मविश्वास
किसानों का कहना है कि योगी सरकार की योजनाओं से उन्हें न केवल आर्थिक मजबूती मिली है, बल्कि खेती के प्रति उनका उत्साह भी बढ़ा है। गोरखपुर के किसान रमेश यादव ने कहा, "पहले हमें अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता था, लेकिन अब सरकार ने एमएसपी तय कर दिया है। इससे हमें बड़ा लाभ हुआ है।"

Also Read
View All

अगली खबर