RTE Admission 2025: महासमुंद जिले में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत दो चरणों में एडमिशन की प्रक्रिया चली। बावजूद इसके निजी स्कूलों में 86 सीटें रिक्त रह गईं।
RTE Admission 2025: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत दो चरणों में एडमिशन की प्रक्रिया चली। बावजूद इसके निजी स्कूलों में 86 सीटें रिक्त रह गईं। आरटीई के तहत जिले के 227 निजी स्कूलों में १६७१ सीटें आरक्षित थी। एडमिशन के लिए दो चरणों में आवेदन मंगाए गए। पहले चरण में तीन हजार से अधिक आवेदन आए थे। 1453 छात्रों का चयन किया गया।
इसमें 1373 छात्रों ने ही प्रवेश लिया था। 298 सीटें रिक्त रह गईं। दूसरे चरण में 228 आवेदन आए थे। 246 छात्रों की चयन सूची जारी की गई थी। 204 छात्रों ने प्रवेश लिया है। 8 छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। 34 सीटें दूसरे चरण में भी नहीं भर पाईं। प्रथम चरण में कई छात्र वेटिंग में रह गए थे। इसके बाद भी अन्य छात्रों को अवसर नहीं मिल पाया।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुल 1671 सीटों में 1585 छात्रों ने एडमिशन लिया है। पिछले वर्ष भी लगभग 150 सीटें नहीं भर पाई थीं। आरटीई के प्रभारी देवेश चंद्राकर ने बताया कि आरटीई के तहत प्रवेश के लिए ऑनलाइन दावा-प्रक्रिया 30 अगस्त तक किया जा सकता है।
दूसरे चरण में प्रवेश के लिए तिथि में वृद्धि को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। वहीं लगातार अवकाश रहने से बच्चों को प्रवेश के लिए कम समय मिला है। अगस्त में प्रवेश लेने वाले ज्यादातर छात्र पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। स्कूलों में लगभग एक महीने की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है।
एक मार्च से आरटीई की तहत आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लगभग 6 माह तक चली। आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया लंबे समय तक चलने के कारण भी कई पालक अपने बच्चों का एडमिशन शासकीय या निजी स्कूल में करा देते हैं।
ज्यादातर पालक अपने बच्चों का एडमिशन बड़े निजी स्कूल में कराना चाहते हैं, जहां एक सीट के लिए 8 से 9 आवेदन आते हैं। इसके अलावा स्कूल दूर होने से भी कई बार पालक एडमिशन नहीं कराते हैं। हिंदी माध्यम स्कूलों में पढ़ाने के लिए पालक रुचि नहीं दिखाते हैं।