महासमुंद

मौसम की बेरुखी से कम मिला समय, फिर भी तेंदूपत्ता खरीदी का पिछले वर्ष का टूटा रिकार्ड…

CG Tendu Patta: महासमुंद जिले में मौसम की बेरुखी के बाद भी तेंदूपत्ता खरीदी का पिछले साल का रिकार्ड टूट गया। इस वर्ष 80073 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ।

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तेंदूपत्ता खरीदी का पिछले वर्ष का टूटा रिकार्ड(photo-patrika)

CG Tendu Patta: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में मौसम की बेरुखी के बाद भी तेंदूपत्ता खरीदी का पिछले साल का रिकार्ड टूट गया। इस वर्ष 80073 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ। कुल 44 करोड़ 4 लाख रुपए की तेंदूपत्ता खरीदी हुई है। पिछले साल से दो करोड़ ज्यादा खरीदी हुई। लगभग 61 हजार संग्राहकों को इसका लाभ मिलेगा।

CG Tendu Patta: बडे़ पत्तों की ही डिमांड

पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से तेंदूपत्ता की गुणवत्ता व संग्रहण पर असर पड़ा। धूप नहीं खिलने से पत्तों को सूखाने में भी समस्या आ रही थी। मई माह में हर दूसरे व तीसरे दिन बारिश होने से संग्राहकों में भी मायूसी है। क्योंकि, संग्राहक तेंदूपत्ता की तोड़ाई नहीं कर पाए। हर साल की तरह इस वर्ष भी तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। 2024 में 77 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी हुई थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल से तेंदूपत्ता की आवक ज्यादा हुई है।

वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता ही आय का एकमात्र जरिया है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में बारिश व तेज हवा चलने की संभावना जताई है। मानसून भी शीघ्र दस्तक दे सकता है। वन मंडल ने पूर्व में एक मई से तेंदूपत्ता खरीदी करने के लिए योजना बनाई थी, लेकिन बारिश के कारण सात मई से तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू की गई। वन मंडल के उप प्रबंध संचालक एआर बंजारे ने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण समाप्त हो चुका है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ज्यादा तेंदूपत्ता की खरीदी की गई है।

वर्ष लक्ष्य संग्रहण

2025 91300 80073

2024 91300 77000

2023 91300 70694

2022 95400 82300

2021 95400 74409

2020 95400 51850

लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया

बारिश होने या ओलावृष्टि होने से पत्तों की क्वालिटी पर असर पड़ता है। बड़े पत्ते नहीं होने से व्यापारी नहीं लेते हैं। इस कारण अच्छी गुणवत्ता के पत्ते ही खरीदे जाते हैं। तेज धूप होने से तोड़े गए पत्तों को सूखाया भी जाता है, लेकिन बारिश होने से ऐसा नहीं हो पा रहा है।

प्रति वर्ष जो लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, वह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है। इस वर्ष भी 91300 मानक बोरा लक्ष्य था और 80 हजार मानक बोरा ही संग्रहण हो पाया। 786 फड़ों में जिले में तेंदूपत्ता की खरीदी की जाती है। प्रतिवर्ष महासमुंद के संग्राहकों को एक महीना भी पूरा तोड़ने के लिए समय नहीं मिल पाता है।

Published on:
30 May 2025 02:02 pm
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