ड्यूटी पर पदस्थ स्टेशन मास्टर सुरेश मीना ने बेतुका बयान देते हुए कहा यात्रियों की जिम्मेदारी है वे खुल्ले रुपए लेकर आए।
मंदसौर। रेलवे स्टेशन पर आए दिन टिकट खिड़की पर यात्रियों के साथ विवाद के मामले आ रहे है। टिकट देने वाले वाणिज्य विभाग के कर्मचारी यात्रियों से खुल्ले रुपए की मांग करते है। यह नहीं होने पर ऑनलाइन रुपए देकर टिकट लेने को कहते है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में अंचल के यात्री आते है, खासकर वृद्ध यात्री ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं रखते है। यही विवाद का कारण है। मंगलवार शाम को इसी बात पर करीब 20 मिनट तक विवाद हुआ। मामले में ड्यूटी पर पदस्थ स्टेशन मास्टर सुरेश मीना ने बेतुका बयान देते हुए कहा यात्रियों की जिम्मेदारी है वे खुल्ले रुपए लेकर आए।
रेलवे स्टेशन पर अमृत योजना अंतर्गत कायाकल्प का कार्य चल रहा है। ऐसे में कई जगह तोड़फोड़ की हुई है। इससे भी यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में परेशानी हो रही है। प्लेटफॉर्म पर सफाई का अभाव हो गया है। यहां तक की रेलवे ट्रैक पर भी गंदगी है। हालांकि पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता बुधवार को निरीक्षण करने आ रहे है। इस दौरान विभिन्न संगठन भी कई मांग के साथ ज्ञापन देंगे।
आती है लंबी दूरी की ट्रेन
प्लेटफॉर्म पर लंबी दूरी की यात्री ट्रेन भी आती है। इन ट्रेन में सवार यात्रियों को सुबह का बना हुआ पोहो-समोसा खाने की मजबूरी रहती है। इसको ढ़का भी नहीं जाता है। रेलवे के वाणिज्य विभाग के निरीक्षक को माह में एक बार निरीक्षण करने का नियम है, यहां तक की रेलवे स्टॉल से जब कुछ खरीदी की जाए तो उसका बिल भी देने का नियम है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है और रतलाम मुख्यालय से जिम्मेदार यह देखने तक नहीं आ रहे है।
शिकायत की है
टिकट देने के नाम पर वाणिज्य विभाग के कर्मचारी ने परेशान किया। अगर यात्री के पास खुल्ले रुपए नहीं है तो क्या वो बगैर टिकट यात्रा करें, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इसकी शिकायत रेलवे मुख्यालय में भी शाम को की है।
- एमके विजय, रेल यात्री
जिम्मेदारी को समझना होगा
हर समय रेलवे खिड़की पर टिकट देने वाले कर्मचारी के पास रुपए हो या जरुरी नहीं है। यात्री को भी अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए। जहां तक बात खुला खाद्य पदार्थ की है या बिल नहीं देने की है, उस पर वाणिज्य विभाग कार्रवाई करता है। यह सीधे हमारा विषय नहीं है।
- सुरेश मीना, स्टेशन प्रबंधक