Sawan Somwar: मंदसौर जिले के शामगढ़़ के पास चंदवासा में है अनोखा शिवमंदिर, पांडवों ने बनवाया था, सूर्य की पहली किरण इसके शिखर पर पड़ती है, मान्यता है कि वह यहां भगवान विष्णु के साथ विराजे शिव को नमन करने आती है...
Sawan Somwar: किसी भी इमारत के लिए पहले नींव तैयार होती है। शिखर अंत में। लेकिन मंदसौर जिले में शामगढ़ के पास चंदवासा में ऐसा अनोखा शिवधाम है, जहां पहले शिखर बना और अंत में नींव का काम किया गया। इस शिवधाम में गर्भगृह में सूर्य की पहली किरण महादेव को नमन करते आती है। सावन के दूसरे सोमवार पर आज चलिए इस अनूठे मंदिर में बाबा भोले का अभिषेक करते हैं।
8वीं शताब्दी में चट्टान को खोखला कर इस मंदिर को बनाया गया। इसकी वास्तु कला ऐसी है कि जो भी यहां आता है, हैरत में पड़ जाता है। मान्यता है कि महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इसे बनाया था। धर्मराज युधिष्ठिर के नाम से ही इस स्थान का नाम धर्मराजेश्वर पड़ा। बौद्धस्तूप की गुफाएं और कलाकृतियां भी यहां है। इतिहासकारों का कहना है, यह सप्तायन शैली में बनाया गया मंदिर है।
● लेटराइट पत्थरों से बने चट्टान पर मंदिर और गुफाएं
● 54 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा 9 मीटर की गहराई में बना मंदिर
● मंदिर के द्वार पर मंडप, शिखर और गर्भगृह पिरामिड आकार में।
● मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के साथ शिवलिंग विराजित हैं।
● दीवारों पर भगवान गणेश, लक्ष्मी, पार्वती, जैसी कई कलाकृतियां।