औरंगजेब की कब्र को लेकर नया विवाद सामने आया है। मथुरा के एक बाबा ने हाल ही में कब्र तोड़ने वाले को 21 लाख रुपये देने की घोषणा की है। आइए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा विवाद।
मथुरा के दिनेश शर्मा एक हिंदूवादी नेता हैं जो श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले के प्रमुख वादी हैं। उन्होंने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है कि जल्द ही श्री कृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर बनी मस्जिद के खिलाफ चल रहे कानूनी मामले में जीत हासिल होगी।
महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के वादी दिनेश शर्मा ने औरंगजेब की कब्र को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाएगा, उसे 21 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
दिनेश शर्मा का कहना है कि औरंगजेब ने भारत में कई मंदिरों को नष्ट किया और हिंदू समाज की बहन-बेटियों पर अत्याचार किए। उन्होंने कहा, "अगर कोई व्यक्ति औरंगजेब की कब्र को तोड़ेगा, तो मैं स्वयं उसे इनाम दूंगा।" उन्होंने औरंगजेब को देशद्रोही बताते हुए कहा कि उसकी कब्र का भारत में कोई स्थान नहीं है और इसे तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।
दिनेश शर्मा का कहना है कि औरंगजेब की कब्र भारत में नहीं, बल्कि पाकिस्तान या मक्का-मदीना में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में एक ऐसे व्यक्ति की कब्र का कोई महत्व नहीं है, जिसने हिंदुओं पर अत्याचार किए और कई मंदिरों को तोड़ा।
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने भी औरंगजेब की कब्र को लेकर आपत्ति जताई थी। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा था कि भारत में औरंगजेब की कब्र और उसकी विचारधारा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को यातनाएं दीं और उनकी नृशंस हत्या कर दी। ऐसे व्यक्ति की कब्र भारत में नहीं रहनी चाहिए।"
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में औरंगजेब का मकबरा स्थित है। समय-समय पर इस मकबरे को लेकर राजनीतिक दलों के बीच टकराव देखने को मिला है। हाल ही में, फिल्म छावा को लेकर भी यह मकबरा चर्चा में आ गया है। इतिहास के अनुसार, औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसके शव को संभाजीनगर के खुल्ताबाद में दफना दिया गया था, और अब यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है।