मथुरा के बाल संत के नाम से प्रसिद्ध अभिनव अरोड़ा पिछले कुछ समय से काफी चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने ट्रोल होने को लेकर बातचीत की है और अपना पक्ष रखा है। आइए आपको बताते है अभिनव ने क्या कहा।
अभिनव अरोड़ा का जगतगुरु रामभद्राचार्य के साथ मंच पर एक मामला सामने आया था। इसमें अभिनव रामभद्राचार्य के मंच पर आरती के दौरान जयकारे लगाते और इधर-उधर टहलते नजर आए। इस पर रामभद्राचार्य ने उन्हें मंच से उतार दिया था। अब अभिनव ने अपना पक्ष रखा है।
अभिनव ने आरोप लगाया कि कुछ यूट्यूबर्स ने उनके खिलाफ ट्रोलिंग शुरू कर दी और अपमानजनक वीडियो बनाए। इन वीडियो के कारण उन्हें नफरत भरे कॉल और मैसेज मिलने लगे। इस मामले में अभिनव ने मथुरा पुलिस को शिकायत दी है जिसके बाद पुलिस ने धारा 351(4) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
अभिनव अरोड़ा ने बताया कि उन्हें पहले बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा। ट्रोलर्स ने उन्हें "मोटा" और "तोतला" कहकर मजाक उड़ाया। लेकिन जब उनकी भक्ति पर सवाल उठे और जान से मारने की धमकियां मिलीं तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और कानूनी कदम उठाने का फैसला किया। अभिनव ने कहा, "जब तक वे मुझे मोटा-तोतला बोलते थे, मुझे लगता था कि वे व्यूज कमा रहे हैं। लेकिन अब भक्ति की बात आ गई है। हम कब तक सहन करेंगे? इसलिए हम कोर्ट जा रहे हैं।"
अभिनव के पिता तरुण राज अरोड़ा ने बताया कि ट्रोलिंग के कारण अभिनव फिलहाल स्कूल नहीं जा पा रहा है और घर से ही पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभिनव भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी ले रहा है। वह गुरुकुल जाना चाहता है और दोनों तरह की शिक्षा को समान रूप से महत्व देता है।
अभिनव ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी खुद को ‘बाल संत’ नहीं कहा। यह नाम उन्हें मीडिया ने दिया है। उन्होंने कहा, "मैं संतों के चरणों की धूल भी नहीं हूं। मैं शास्त्रों का अध्ययन करता हूं और जो भी कहता हूं वह मेरे मन से होता है।" अभिनव को अपने माता-पिता का पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।