मथुरा

मथुरा में होली के बाद हुरंगा की धूम, बलदाऊ की नगरी में खेली गई कोड़ा मार होली

मथुरा में होली के बाद हुरंगा की धूम मच गई है। इस समय शहर-शहर और गांव-गांव में हुरंगा खेला जा रहा है। खासकर भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ जी की नगरी बलदेव में हुरंगा का आयोजन बड़े धूमधाम से हुआ। यहां के दाऊजी मंदिर में एक विशेष प्रकार की होली, जिसे "कोड़ा मार होली" कहते हैं, खेली गई।

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Mar 15, 2025

बलदाऊ की नगरी में हुरियारिनों ने हुरियारों के कपड़े फाड़े और फिर उन कपड़ों से कोड़ा बनाया। फिर इस कोड़े को टेसू के फूलों से बने रंग में भिगोकर हुरियारों पर जमकर मारा गया।

होली के बाद हुरंगा की धूम

होली के एक दिन बाद बलदेव में दाऊजी मंदिर में भव्य हुरंगा का आयोजन किया गया। मंदिर के आंगन को टेसू के रंगों से भरा गया और फिर बलदेव कस्बे के हुरियारे और हुरियारिन एकत्रित हो गए। जैसे ही मंदिर में होली के रसिया गीत की धुन शुरू हुई, सभी नाचने गाने लगे और- हुरंगा की शुरुआत हो गई। हुरियारिनों ने सबसे पहले हुरियारों के कपड़े फाड़े और उन्हें पानी में भिगोकर कोड़ा बनाया। इस कोड़े को टेसू के रंग में रंगकर हुरियारों पर मारा गया।

दुनिया भर में प्रसिद्ध है हुरंगा

हुरंगा का यह आयोजन दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस परंपरा को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु बलदेव पहुंचते हैं। पांडेय समाज के लोग, जो मंदिर के पुजारी भी हैं, हुरंगा के आयोजन में प्रमुख रूप से शामिल होते हैं। हुरंगा के लिए विशेष रूप से गुलाल और टेसू के फूल मंगाए जाते हैं। इस आयोजन की तैयारी कई दिन पहले से मंदिर परिसर में शुरू हो जाती है और हुरंगा के दिन मंदिर के पट सुबह 5 बजे खुलते हैं।

कपड़े फाड़कर बनाते हैं कोड़ा

हुरंगा का आयोजन दोपहर करीब 1 बजे शुरू होता है। इस दौरान हुर‍ियार‍िनें हुरियारों के कपड़े फाड़ती हैं और उसी कपड़े को पानी में भिगोकर उन्हें कोड़ा बनाकर हुरियारों के शरीर पर मारती हैं। इस मार को सहने के लिए हुरियारे सुबह से ही भांग का सेवन करते हैं और ब्रज की पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर आते हैं।

भगवान श्री कृष्ण नहीं बलदाऊ पर आधारित है हुरंगा

ब्रज की होली जहां भगवान श्री कृष्ण के इर्द-गिर्द घूमती है। वहीं हुरंगा भगवान बलदाऊ जी पर आधारित है। दाऊजी मंदिर में खेले जाने वाले हुरंगा के नायक भगवान शेषावतार बलदाऊ जी होते हैं। इस उत्सव में नंगे बदन पर कोड़ों की मार को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं।

सोर्स: IANS

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