मथुरा

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी सुनवाई, केंद्र और ASI को पक्षकार बनाने की मांग

Krishna Janmabhoomi and Shahi Eidgah Issue: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट में दो मामलों की सुनवाई हुई, अगली तारीख 8 अप्रैल तय। एएसआई और केंद्र को पक्ष बनाने की मांग प्रमुख मुद्दा। 

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Apr 04, 2025
Krishna Janmabhoomi

Supreme Court on Krishna Janmabhoomi and Shahi Eidgah Issue: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े दो अहम मामलों की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कोर्ट के अगली तारीख पर चर्चा के विषय बताएं।

पहला मामला: एएसआई और केंद्र को पक्ष बनाने की याचिका

पहला मामला मस्जिद कमेटी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने से जुड़ा है, जिसमें हिंदू पक्ष द्वारा दायर संशोधन याचिका को स्वीकार किया गया था। इस याचिका में मांग की गई थी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और केंद्र सरकार को मामले में पक्षकार बनाया जाए। हाईकोर्ट ने यह मांग स्वीकार कर ली थी, जिसे मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल तय की है।

दूसरा मामला: 15 मुकदमों को जोड़ने के आदेश पर विवाद

दूसरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्मभूमि से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़ने का आदेश दिया था। इस फैसले को मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज करते हुए हाईकोर्ट में रिकॉल आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। हालांकि, 23 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने वह रिकॉल आवेदन भी खारिज कर दिया।

मस्जिद कमेटी ने दिया आवेदन 

अब मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर अपनी पुरानी SLP को बहाल करने के लिए आवेदन किया है। कोर्ट ने इस पर नोटिस जारी कर दिया है और बताया कि इस मामले की सुनवाई संबंधित दूसरे बैच के मामलों के साथ की जाएगी।

क्या है मामला ? 

यह मामला मथुरा की 13.37 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के रूप में माना जाता है। हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद है, वह वास्तविक जन्मभूमि का हिस्सा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इस दावे का विरोध करता आया है। इन मुकदमों में कानूनी और ऐतिहासिक दोनों पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। अब सभी की नजरें 8 अप्रैल पर टिकी हैं, जब सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील मामले में अगली सुनवाई करेगा।

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