मथुरा

अनिरुद्धाचार्य केस में नया मोड़: सोशल मीडिया पोस्ट पर लीगल नोटिस, 15 दिन का अल्टीमेटम

सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट ने अनिरुद्धाचार्य केस को कानूनी मोड़ पर ला खड़ा किया है। लीगल नोटिस, 15 दिन का अल्टीमेटम और 10 लाख की चेतावनी—आखिर क्या है पूरा मामला? पढ़िए पूरी खबर।

2 min read
Dec 24, 2025
अनिरुद्धाचार्य फोटो सोर्स insta अकाउंट

मथुरा के कथावाचक अनिल कुमार तिवारी उर्फ अनिरुद्धाचार्य को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई गई कथित झूठी खबर अब कानूनी पचड़े में फंसती दिख रही है। पुतला दहन और मुकदमा दर्ज होने की अफवाह फैलाने के आरोप में कुछ लोगों को लीगल नोटिस भेजा गया है।

मथुरा के प्रसिद्ध कथावाचक अनिल कुमार तिवारी उर्फ अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ पुतला दहन और मुकदमा दर्ज होने की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। अब इसी मामले में अखिल भारत हिंदू महासभा की आगरा जिलाध्यक्ष मीरा राठौर और उनकी सहयोगी, मथुरा की रहने वाली गुंजन शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कथावाचक की ओर से उच्च न्यायालय के अधिवक्ता के जरिए दोनों को लीगल नोटिस भेजा गया है।

ये भी पढ़ें

नए वर्ष पर वृंदावन में वाहनों की एंट्री बंद! भीड़ को देखते हुए 25 से 5 जनवरी के बीच रोक

15 दिन के भीतर सोशल मीडिया पर सभी पोस्ट और बयान हटाए

नोटिस में कहा गया है कि सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए कथावाचक के खिलाफ जो बयान और जानकारियां प्रसारित की गईं। वे भ्रामक और तथ्यहीन हैं। अधिवक्ता ने 15 दिन के भीतर इन सभी पोस्ट और बयानों को हटाने के साथ-साथ लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है। ऐसा न करने पर मानहानि के आरोप में दस लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की जाएगी।

मीरा राठौर ने अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था

दरअसल, मीरा राठौर ने कथावाचक पर महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए अदालत में परिवाद दाखिल किया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, कोर्ट ने अभी कथावाचक को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। और इस मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके बावजूद कथावाचक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने जैसे बयान दिए गए। जिसे लेकर आपत्ति जताई गई है।

अदालत के निर्णय से पहले तरह-तरह के बयान देना सिर्फ व्यक्ति की छबि को नुकसान पहुंचाना

कथावाचक के वकील का कहना है कि अदालत के निर्णय से पहले इस तरह के बयान देना न सिर्फ व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाता है। बल्कि इसे कोर्ट की अवमानना भी माना जा सकता है। वहीं, इस पूरे मामले पर मीरा राठौर का कहना है कि उन्हें भेजा गया नोटिस डराने की कोशिश है। उनका दावा है कि वे कानूनी तरीके से जवाब देंगी और अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी।

Published on:
24 Dec 2025 08:59 am
Also Read
View All

अगली खबर