मथुरा

प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा का नया रूट आया सामने, हुए ये बड़े बदलाव

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इनमें से एक यह है कि रात्रि यात्रा का रूट बदल दिया गया है।

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Feb 08, 2025

Premanand Maharaj: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। अब प्रेमानंद महाराज पैदल नहीं बल्कि कार से अपने आश्रम जा रहे हैं। आश्रम ने बताया की महाराज के स्वास्थ्य और बढ़ती भीड़ को देखते हुए पदयात्रा को स्थगित कर दिया गया है। वहीं, दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा है कि सोसाइटी की महिलाओं ने महाराज की रात्रि यात्रा का विरोध किया, जिसकी शिकायत प्रशासन से भी की गई थी।

कार से आश्रम जाते हैं प्रेमानंद महाराज

संत प्रेमानंद महाराज अब पैदल न चलकर अपनी ऑडी कार से केली कुंज आश्रम जा रहे हैं। इसके साथ ही, उनके आश्रम पहुंचने के समय में भी परिवर्तन किया गया है। पदयात्रा के दौरान महाराज रात 2 बजे आश्रम के लिए निकलते थे, लेकिन अब वह भोर में 4 बजे निकल रहे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमानंद महाराज अब दूसरे रास्ते से आश्रम जाते हैं, जो पहले रास्ते के मुताबिक आधा किलोमीटर दूर है। संत प्रेमानंद महाराज अब श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी से कार से निकले और प्रेम मंदिर के सामने से गुजरते हुए रमण रेती पुलिस चौकी होते हुए केली कुंज आश्रम पहुंचे।

दो किलोमीटर पैदल चलते थे प्रेमानंद

संत प्रेमानंद महाराज पहले पदयात्रा के लिए रात 2:30 बजे श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से रमणरेती स्थित आश्रम हित राधा केली कुंज के लिए निकलते थे। इस दौरान वे करीब 2 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते थे। ऐसे में उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों भक्त सड़क के दोनों तरफ खड़े रहते थे।

आश्रम ने क्या कहा?

श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, “आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है।”

स्थानीय लोगों ने क्यों किया विरोध?

दरअसल, संत प्रेमानंद महाराज का काफिला रात 2 बजे के बाद राधा केलि कुंज के लिए चलता है। इस दौरान प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हो जाते हैं, जो भजन बजाकर नाचते-गाते हैं और पटाखे जलाते हैं। इस शोर से आसपास के कॉलोनी में रह-रहे लोगों की नींद में खलल पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से स्थानीय लोगों की अपील है कि इस पदयात्रा को बंद कर दिया जाए।

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