मथुरा

प्रेमानंद महाराज ने बताया घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें ये चीजें, वरना आ सकती है दरिद्रता!

प्रेमानंद महाराज मथुरा वृंदावन में रहते हैं। प्रेमानंद महाराज के आध्यात्मिक प्रवचन को सुनने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रवचन खूब वायरल हो रहे हैं। एक भक्त प्रेमानंद महाराज से पूछ रहा है। कि घर के मंदिर में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। प्रेमानंद महाराज उसे बता रहे हैं। यह वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

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Jul 25, 2025
प्रेमानंद महाराज फोटो सोर्स Bhajan Marg

वृंदावन के प्रसिद्ध संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज अपने गहरे भक्ति भाव, प्रेरणादायक सत्संग और करोड़ों लोगों के जीवन को दिशा देने के लिए देश-विदेश में विख्यात हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वे पूजा घर में बरती जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों को लेकर मार्गदर्शन देते नजर आ रहे हैं।

संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज का आध्यात्मिक सफर बनारस से शुरू होकर वृंदावन के केलीकुंज तक पहुंचा है। बचपन में उनका नाम अनिरुद्ध पांडेय था। मात्र 13 वर्ष की आयु में सांसारिक मोह त्यागकर उन्होंने काशी की ओर रुख किया। वहीं से उन्होंने साधना का मार्ग अपनाया। उनके आध्यात्मिक गुरु श्री गौरांगीश जी महाराज हैं। जिनसे उन्होंने गहराई से भक्ति की दीक्षा प्राप्त की। वर्तमान समय में प्रेमानंद महाराज वृंदावन के केलीकुंज आश्रम में निवास करते हैं। वहां प्रतिदिन भव्य सत्संग का आयोजन होता है। वे राधारानी को अपना सर्वस्व मानते हैं। और अपने प्रवचनों में राधा नाम के जाप पर विशेष बल देते हैं। उनके सत्संग की झलकियां सोशल मीडिया पर लाखों लोगों तक पहुंच रही हैं। उनके अनुयायियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, ग्रेट खली और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे नामी हस्तियों ने भी उनके दर्शन किए हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने भी उनके आश्रम में जाकर आशीर्वाद लिया।

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जानिए पूजा के घर की पांच विशेष बातें

इसी बीच उनका एक वीडियो लोगों का ध्यान खींच रहा है। जिसमें एक भक्त के सवाल पर महाराज जी पूजा घर में कुछ विशेष बातों का उल्लेख करते हैं। उन्होंने कहा कि घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे वातावरण आध्यात्मिक कम और पारिवारिक अधिक हो जाता है। फटी हुई धार्मिक पुस्तकें और भगवान की क्षतिग्रस्त तस्वीरें या मूर्तियां भी पूजा स्थल से तुरंत हटा देनी चाहिए। सूखे फूल जो कई दिनों तक भगवान के चरणों में पड़े रहें। उन्हें भी वहां नहीं रहने देना चाहिए। सबसे अहम बात, किसी भी जीवित संत, गुरु या महापुरुष की तस्वीर घर के मंदिर में नहीं लगानी चाहिए। क्योंकि इससे घर में नकारात्मकता और दरिद्रता आ सकती है।

इन बातों का रखें ध्यान

प्रेमानंद महाराज का मानना है कि पूजा घर एक अत्यंत पवित्र स्थान होता है। और वहां की हर वस्तु भी उतनी ही पवित्र होनी चाहिए। थोड़ी-सी असावधानी भी नकारात्मक ऊर्जा को न्योता दे सकती है। आज जब आध्यात्मिक जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में संत प्रेमानंद महाराज जैसे आध्यात्मिक पथदर्शक का यह संदेश हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है। जो अपने घर के मंदिर में ईश्वर की उपस्थिति को शुद्ध और सकारात्मक बनाए रखना चाहता है।

Updated on:
25 Jul 2025 02:42 pm
Published on:
25 Jul 2025 11:37 am
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