
मनोरोगी की काउंसलिंग करती मनोचिकित्सक फोटो जेनरेट AI
युवाओं में तनाव तेजी से बढ़ रहा है। भाग दौड़ की जिंदगी और प्रतिस्पर्धा की दौर में युवा तेजी से मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं। इनमें 20 से 30 वर्ष के युवक और युवतियां शामिल हैं। किसी को करियर को लेकर मन में दबाव बन रहा है। या फिर रिश्तो को लेकर उलझन में फंसे हुए है। 1395 मनोरोगी में से 682 युवा अवसाद और घबराहट के शिकार पाए गए हैं।
गोंडा मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में बीते महीने जो तस्वीर सामने आई। उसने विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल दिया। युवाओं में बढ़ती बेचैनी, चिड़चिड़ापन, थकान, अकेलापन और आत्महत्या तक के विचार ये सब किसी गंभीर खतरे का संकेत हैं। मेडिकल कॉलेज की मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर आकांक्षा ने मीडिया को दिए गए बयान में बताया कि 20 से 30 वर्ष के युवक और युवतियों अपनी जीवन शैली के कारण मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे प्रमुख वजह है यह है कि उन्हें करियर को लेकर असमंजस की स्थिति परीक्षा को लेकर तनाव पारिवारिक उम्मीदें असफल प्रेम संबंध के कारण इन दोनों प्रतिदिन दर्जनों युवा और इस मानसिक बोझ को लेकर उनके पास आ रहे हैं।
डॉक्टर उन्हें काउंसलिंग के साथ योग और मेडिटेशन की सलाह भी दे रही हैं।
मनोचिकित्सकों के अनुसार तनाव को कम करने के लिए एक शांत जगह पर आराम से बैठ जाएं कुछ देर के लिए आंखें बंद कर लें। दोनों हाथ पेट पर रखकर गहरी सांस लेने। सांस को कुछ पल के लिए रोके और फिर धीरे-धीरे मुंह से बाहर निकाले। इस दौरान पूरा ध्यान सांस की गति पर केंद्रित रखें। प्रतिदिन 15 से 20 मिनट यह प्रक्रिया दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।
डिप्रेशन से बचने के लिए हम अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। इसके लिए हमें रोजाना कम से कम 6 से 7 घंटे नींद लेना आवश्यक है। नशे की आदत जैसे धूम्रपान व शराब पूरी तरह से छोड़ दें। तला भुना और जंक फूड कम खाएं। मोटिवेशनल वीडियो और पॉजिटिव सोच बढ़ाने वाली फिल्में देखें। खुद को अकेला न रखें, परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताएं। नियमित रूप से खेलकूद व व्यायाम करें।
दबाव में न आएं, हर समस्या का हल है। जरूरत हो तो संकोच छोड़कर मन की बात विशेषज्ञों से जरूर साझा करें।
Published on:
25 Jul 2025 09:53 am
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