मंत्री ओमप्रकाश राजभर से पूछा गया कि “संभावित उपचुनाव के लिए आपकी क्या रणनीति रहेगी?” तो उन्होंने देहाती कहावत सुनाते हुए संकेतों में बात खत्म कर दी— “खोंखी आवे सवेरे… संझे मुंह बावे।” अर्थात—सुबह खांसी आए और शाम को जम्हाई आए… मतलब अभी कुछ भी तय नहीं!
UP News: मऊ जिले में एक स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बिहार चुनाव, आगामी विधानसभा चुनाव और मऊ के घोसी में संभावित तीसरे उपचुनाव को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी। अपने खास देहाती अंदाज़ में मंत्री ने कई सवालों के जवाब दिए।
जब मंत्री राजभर से पूछा गया कि “बिहार चुनाव में आपको सफलता क्यों नहीं मिली?” तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया— “क्यों नहीं मिली! बिहार में पहली बार हमने लगभग 54 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। जिनका पर्चा किसी कारण से खारिज हुआ, वहां हमने निर्दलियों को समर्थन दिया। पहली बार चुनाव लड़कर 2 लाख 42 हजार वोट मिलना अपने आप में बड़ी बात है।”
घोसी उपचुनाव पर बोले ओमप्रकाश राजभर
घोसी विधानसभा के उपचुनाव पर ओमप्रकाश राजभर से मीडिया ने चर्चा किया। विधायक सुधाकर सिंह के आकस्मिक निधन के बाद 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर घोसी में उपचुनाव होने की संभावना बन गई है। इस पर जब राजभर से पूछा गया कि “संभावित उपचुनाव के लिए आपकी क्या रणनीति रहेगी?” तो उन्होंने देहाती कहावत सुनाते हुए संकेतों में बात खत्म कर दी—
“खोंखी आवे सवेरे… संझे मुंह बावे।” अर्थात—सुबह खांसी आए और शाम को जम्हाई आए… मतलब अभी कुछ भी तय नहीं!
ओमप्रकाश राजभर अपने देहाती मुहावरों और सटीक राजनीतिक बयान के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने अपने जवाब से साफ कर दिया कि 2027 विधानसभा चुनाव से पहले वे किसी भी तरह के विवाद या टकराव से बचना चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी के विधायक की मौत से खाली हुई सीट पर दावेदारी न जताकर, बीजेपी के सहयोगी दल सुभासपा ने यह संकेत दे दिया कि वे इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को वॉकओवर देने के मूड में हैं।