घोसी लोकसभा के पूर्व सांसद और बीएसपी नेता बाल कृष्ण चौहान का दिल्ली के लोहिया अस्पताल में हृदय गति रुकने से निधन हो गया है।
Mau News: घोसी लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद एवं पिछड़े वर्ग के प्रभावशाली नेता बालकृष्ण चौहान का रविवार शाम लगभग 4 बजे दिल्ली के लोहिया अस्पताल में हृदयगति रुकने से निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही घोसी समेत पूरे पूर्वांचल के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। समर्थकों व शुभचिंतकों ने उन्हें संघर्षशील, जनप्रिय और जमीन से जुड़े नेता के रूप में याद किया।
बालकृष्ण चौहान मूल रूप से मुहम्मदाबाद गोहना नगर पंचायत के मोहल्ला कबीराबाद (जमालपुर) के निवासी थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में घोसी लोकसभा क्षेत्र से पाँच बार चुनाव लड़ा। वर्ष 1999 में वे पहली बार बसपा के टिकट पर सांसद बने और क्षेत्रीय मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाया। लंबे समय तक वे घोसी सीट पर बसपा का प्रमुख चेहरा रहे।
2004 में उन्हें सपा उम्मीदवार चंद्रदेव प्रसाद राजभर से हार का सामना करना पड़ा। 2009 में दोबारा बसपा टिकट की चर्चा रही, लेकिन अंतिम समय पर पार्टी ने दारा सिंह चौहान को मैदान में उतारा। 2012 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद वे सपा में शामिल हो गए। 2014 में उनका टिकट लगभग तय था, लेकिन अंतिम समय पर राजीव राय को उम्मीदवार बनाया गया, जिसके चलते दोनों पक्षों के समर्थकों में विवाद भी हुआ।
सपा से दूरी बढ़ने के बाद वे 2018 में फिर बसपा में लौटे, लेकिन अनुशासनहीनता के आरोप में दूसरी बार भी बाहर कर दिए गए। इसके बाद 7 मार्च 2019 को उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वर्ष 2024 में वे कांग्रेस छोड़कर पुनः बसपा में शामिल हुए और घोसी से चुनाव भी लड़ा, परंतु जीत हासिल नहीं कर सके।
उनके निधन से क्षेत्रीय राजनीति में एक अनुभवी, जुझारू और जनसमर्थक नेता की कमी महसूस की जा रही है। परिवार, समर्थकों और स्थानीय जनता ने गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की है।