मेरठ

मेरठ-करनाल हाईवे पर दर्दनाक हादसाः दो दोस्तों की मौत, तीसरा गंभीर; एक झटके में बुझ गए दो घरों के चिराग”

मेरठ-करनाल हाईवे पर तीन छात्रों की स्कूटी ट्रॉली से टकरा गई। दो की मौके पर मौत हो गई। जबकि तीसरा जिंदगी से जूझ रहा है। हेलमेट न पहनने की लापरवाही ने दो परिवारों से उनके बेटे छीन लिए। गांव में मातम पसर गया।

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Nov 06, 2025
सांकेतिक फोटो सोर्स पत्रिका

Intro: मेरठ–करनाल हाईवे पर बृहस्पतिवार दोपहर तीन छात्रों की स्कूटी दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। इंटरलॉकिंग ईट से भरी ट्रॉली से टकराने पर दो दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीसरा गंभीर हालत में अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहा है। हेलमेट न पहनने को हादसे की बड़ी वजह माना जा रहा है।

बृहस्पतिवार दोपहर मेरठ–करनाल हाईवे पर बुबकरपुर के पास राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के तीन छात्र स्कूटी से लौट रहे थे। अचानक उनकी स्कूटी आगे चल रही टाइल्स लदी ट्रॉली से जोरदार तरीके से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि स्कूटी के हिस्से चकनाचूर होकर सड़क पर फैल गए और तीनों युवक सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।

दो की मौत तीसरा गंभीर रूप से घायल

राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को एंबुलेंस से सीएचसी सरधना भेजा। यहां डॉक्टरों ने हर्षित (22) और नितिन (21) को मृत घोषित कर दिया। तीसरा छात्र आयुष की हालत नाजुक होने पर उसे प्राथमिक उपचार के बाद एसडीएस ग्लोबल अस्पताल, मोदीपुरम रेफर कर दिया गया। पुलिस के अनुसार तीनों छात्र जसड़ सुल्तान नगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक के दूसरे वर्ष में पढ़ते थे।

हेलमेट लगाए होते तो बच सकती थी जान

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तीनों युवक एक ही स्कूटी पर सवार थे और किसी ने भी हेलमेट नहीं लगाया था। टक्कर लगने पर हर्षित और नितिन के सिर सीधे ट्रॉली में रखी टाइल्स से टकरा गए। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। लोगों का कहना है कि अगर हेलमेट पहने होते तो शायद दोनों की जान बच सकती थी। हादसे के कुछ देर बाद एक राहगीर ने घटना के फोटो और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर डाल दिए। देखते ही देखते हादसे की जानकारी गांवों के व्हाट्सऐप ग्रुपों में फैल गई। खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग और परिजन सीएचसी सरधना पहुंच गए। मृतकों के परिजनों को अस्पताल पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

घर में चल रही थी शादी की तैयारी इकलौते बेटे की मौत से मातम में बदली खुशियां

हर्षित के पिता रामबीर ने बताया कि हर्षित परिवार का इकलौता बेटा था। तीन बहनों के बीच वह सबसे छोटा था। परिवार एक बहन की शादी की तैयारी में जुटा था। लेकिन अचानक हुए हादसे ने सारी खुशियां मातम में बदल दीं। हर्षित की मां अपने बेटे का शव देखकर बार-बार बेहोश होती रहीं। नितिन के पिता पवन ने बताया कि बेटा पॉलिटेक्निक में पढ़ाई के साथ-साथ दिल्ली पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था। उसका बड़ा भाई शिवा हाल ही में यूपी पुलिस में चयनित हुआ है और मुरादाबाद में प्रशिक्षण ले रहा है। नितिन की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे ने न सिर्फ दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। बल्कि हेलमेट की अनदेखी के खतरनाक परिणामों की ओर भी बड़ा संदेश छोड़ गया।

Published on:
06 Nov 2025 09:18 pm
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