UP News: किसान एक्सप्रेस में सफर कर रही झारखंड की एक बीमार महिला यात्री का ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने के करीब था। संकट की इस घड़ी में ट्रेन मैनेजर विनय पाल ने बालामऊ और मुरादाबाद में समय रहते दो ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराए..
Life of female passenger was in danger in Kisan Express: झारखंड की रहने वाली 40 वर्षीय महिला रुक्मणी की सांसें उस वक्त अटकने लगीं, जब किसान एक्सप्रेस में सफर के दौरान उनका ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने के करीब पहुंच गया। गनीमत रही कि ट्रेन मैनेजर विनय पाल ने तुरंत सक्रियता दिखाई और बालामऊ में ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करा दिया।
हालांकि बालामऊ में मिला सिलिंडर महज तीन घंटे के लिए ही पर्याप्त था। जैसे-जैसे ट्रेन मुरादाबाद की ओर बढ़ रही थी, महिला की जान फिर खतरे में थी। ऐसे में ट्रेन मैनेजर ने दोबारा प्रयास किया और नरमू के पदाधिकारियों को जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई।
ट्रेन मैनेजर की अपील पर नरमू के सहायक मंडल मंत्री केएचके खान ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुरादाबाद स्टेशन पर महिला को दूसरा ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करवाया। इस सहयोग से महिला की हालत स्थिर हो सकी और उन्हें समय पर इलाज के लिए रुड़की ले जाया जा सका।
इस पूरे घटनाक्रम में यात्रियों ने रेलवे गार्ड और नरमू अधिकारियों की तत्परता और मानवीय भावना की जमकर सराहना की। रुक्मणी के परिजनों ने कहा कि यदि समय पर ऑक्सीजन न मिलती, तो उनकी जान जा सकती थी। महिला के साथ उनके पति और दो बेटियां भी सफर कर रही थीं।
रेलवे के ट्रेन मैनेजर और नरमू पदाधिकारियों की इस पहल ने साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है। किसान एक्सप्रेस में हुआ यह घटनाक्रम न सिर्फ रेलवे की जिम्मेदारी का उदाहरण बना, बल्कि यात्रियों के दिल भी जीत लिए।