मुरैना

बाजार में लड़े सांड और यूं चली गई वृद्ध की जान

अंबाह के मेहराकी गांव में लावारिस गोवंश का धावासडक़ पर लड़ रहे दो सांडों की चपेट में आने से साइकिल लेकर पैदल जा रहे एक वृद्ध की मौत हो गई।

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Dec 27, 2025

अंबाह(मुरैना). लावारिस घूम रहे गोवंश से जहां किसान परेशान हैं वहीं कस्बों में सडक़ों पर जा रहे लोग इनके आतंक से परेशान हैं। आलम ये है कि जहां इनको झुंड में देखा वहां आम आदमी सतर्क हो जाता है। कब ये लड़ पड़ें और कब ये बेतहाशा दौडऩे लगे इनका कुछ पा नहीं है।

अंबाह कस्बे में गुरुवार की शाम ऐसा ही एक घटनाक्रम हुआ। सडक़ पर लड़ रहे दो सांडों की चपेट में आने से साइकिल लेकर पैदल जा रहे एक वृद्ध की मौत हो गई। पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। दिसंबर माह में गोवंश के हमले से हुए हादसों में यह पांचवी घटना है।

सब्जी खरीदने गया था बुजुर्ग

गुरुवार शाम मातादीन शर्मा (60) निवासी मेहराकी गांव से सब्जी खरीदने साइकिल से वॉटर वक्र्स क्षेत्र आए थे। तभी सडक़ पर लड़ते हुए दो सांड ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। जिससे वह सडक़ पर गिर गए और वहीं पास में खड़ी एक बाइक भी उन पर गिर गई। घायल अवस्था में मातादीन शर्मा को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने इलाज शुरू होने से पहले दम तोड़ दिया।

चंद मिनट पहले जा रहे थे मासूम बच्चे

गुरुवार को हुई वृद्ध की मौत की पूरी घटना मौके पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें साफ नजर आ रहा है कि जिस वक्त सांडों ने लड़ते हुए वृद्ध को टक्कर मारी, उससे चंद सेकंड पहले ही कोङ्क्षचग से दो-तीन मासूम भी यहां से गुजरे थे।

देर से आई एंबुलेंस

हादसे के तुरंत बाद लोगों ने एंबुलेंस को सूचना दी लेकिन एम्बुलेंस 30 मिनट बाद मौके पर पहुंची, तब तक बुजुर्ग की हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी। सिविल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ये हुई घटनाएं

-गौरव राजपूत निवासी हथरिया अपनी पत्नी निरमा के साथ बाइक से करह आश्रम पर दर्शन करने के लिए गए थे। करह आश्रम से हथरिया लौटते वक्त सुमावली के पास रास्ते में दो सांडों की लड़ाई में उनका वाहन चपेट में आ गया। इससे दोनों घायल हो गए।

रामपुरकलां क्षेत्र के गोबरा गांव में रहने वाले रामअवतार पुत्र (40) शोभाराम कुशवाह पर सांड ने हमला कर दिया। सांड का सींघ सोनीराम के पेट में घुसने से उसकी आंतें बाहर निकल आई।

नर गोवंश का वधियाकरण स्थाई समाधान

नगरीय निकायों को सडक़ोंं पर घूमने वाले निराश्रित गोवंश को पकड$कर नजदीकी गोशाला में भेजना चाहिए। ताकि हमारा विभाग उनकी टेङ्क्षगग कर नर गोवंश का वधियाकरण कर सके। यही स्थाई समाधान है।
डॉ. बीके शर्मा, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं

Updated on:
27 Dec 2025 05:33 pm
Published on:
27 Dec 2025 05:31 pm
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