मुरैना

पांच घंटे से लाइन में लगी पुरुषों के साथ महिला किसान, नहीं खुला वितरण केन्द्र

मुरैना. कृषि कल्याण विभाग के अधिकारी व प्रशासन लगातार दावे कर रहा है कि खाद (उर्वरक) की कोई कमी नहीं हैं फिर किसान परेशान क्यों हैं, इस पर किसी अधिकारी का कोई ध्यान नहीं हैं। कृषि उपज मंडी परिसर में स्थित डीएमओ के गोदाम के वितरण केन्द्र पर सोमवार से सुबह पांच बजे से साढ़े नौ बजे तक सैकड़ों किसान लाइन में लगे रहे लेकिन काउंटर नहीं खोला गया और जब काउंटर खुला तो किसानों को डीएपी खाद नहीं मिला। यह कहकर वापस कर दिया कि स्टॉॅक खत्म हो चुका है।

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Aug 27, 2025

मुरैना. कृषि कल्याण विभाग के अधिकारी व प्रशासन लगातार दावे कर रहा है कि खाद (उर्वरक) की कोई कमी नहीं हैं फिर किसान परेशान क्यों हैं, इस पर किसी अधिकारी का कोई ध्यान नहीं हैं। कृषि उपज मंडी परिसर में स्थित डीएमओ के गोदाम के वितरण केन्द्र पर सोमवार से सुबह पांच बजे से साढ़े नौ बजे तक सैकड़ों किसान लाइन में लगे रहे लेकिन काउंटर नहीं खोला गया और जब काउंटर खुला तो किसानों को डीएपी खाद नहीं मिला। यह कहकर वापस कर दिया कि स्टॉॅक खत्म हो चुका है।

इन दिनों किसान सरसों की बोनी के लिए डीएपी की मांग कर रहा है। सोमवार को एम पी एग्रो, डीएमओ एवं मार्केटिंग सोसायटी के केन्द्रों पर सुबह से ही किसानों की लंबी लाइन लग गई। एम पी एग्रो एवं मार्केटिंग सोसायटी के केन्द्रों पर 12 बजे डीएपी का स्टॉम समाप्त हो गया जबकि डीएमओ के केन्द्र पर सिर्फ यूरिया के दो कट्टा किसान को दिए गए। उससे पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। डीएमओ के खाद वितरण केन्द्र पर सुबह पांच बजे से महिला व पुरुष किसानों की लाइन लग गई।

केन्द्रों पर नहीं की सूचना चस्पा, परेशान हुए किसान

प्रशासन ने आए दिन हंगामे को देखते हुए 22 अगस्त को यह निर्णय लिया था कि किसानों को अब दो बार लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। टोकन के बजाय सीधे काउंटर से खाद की रसीद कटवाएं और अपने कट्टा ले जाएं। उसके बाद 23 व 24 अगस्त को अवकाश रहा। इस दौरान वितरण केन्द्रों पर ऐसी कोई सूचना चस्पा नहीं की जिस पर इस बात का उल्लेख नहीं था कि अब टोकन व्यवस्था बंद कर दी है इसलिए किसान सोमवार की सुबह पांच बजे से वितरण केन्द्रों पर लाइन में लग चुके थे।

उर्वरक की उपलब्धता

उपसंचालक कृषि के अनुसार जिले में कुल 2769 मैट्रिक टन यूरिया, 1338 मैट्रिक टन डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट), 8944 मैट्रिक टन एनपीकेएस (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर मिश्रित उर्वरक) तथा 2,599.50 मैट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) खाद उपलब्ध है। लेकिन यह नहीं बताया कि ये स्टॉक प्राइवेट दुकानों पर है या सरकारी केन्द्रों पर क्योंकि सरकारी केन्द्रों पर सोमवार की दोपहर से डीएपी का स्टॉक खत्म हो चुका है।

ये बोले किसान

किसान सुबह पांच बजे से भूखा- प्यासा लाइन में लगा है। आठ दिन से रोजाना लौट रहे हैं, खाद नहीं मिल रहा। अधिकारी प्राइवेट दुकानदारों को खाद देकर भृष्टाचार करवा रहे हैं, वहां खुलेआम ब्लैक में बेचा जा रहा है।

सुरेश यादव, मुरैना गांव

पिछले चार दिन से केन्द्र पर आ रहे हैं लेकिन डीएपी नहीं मिल रहा, रोजाना लौटना पड़ रहा है। अधिकारी हवाई वादे करते हैं, केन्द्र पर कोई देखना नहीं आता, किसान परेशान हो रहा है।

थानेदार सिकरवार, गलेथा

मेरे पति को लाइन में खड़े होने में परेशानी होती है, मैं बीमार हंू, मेरे हाथ में वैन्यूला लगा है, उसके बाद भी मजबूरन खाद के लिए सुबह से लाइन में लगी हैं, लेकिन यहां खड़े हुए पांच घंटे हो गए।


शारदा, मटकोरा


हमारे ससुर वृद्ध हैं, वह लाइन में खड़े नहीं हो सकते इसलिए मैं अपनी देवरानी व सास के साथ खाद लेने आई हूं। सुबह छह बजे से लाइन में लगे हैं, तीन घंटे हो गए, अभी तक काउंटर भी नहीं खुला है।


प्रीती, बरेथा

किसानों की परेशानी को देखते हुए टोकन की व्यवस्था बंद कर दी है, अब किसानों को काउंंटर से सीधे पैसे जमा किए जा रहे हैं। सभी केन्द्रों को साढ़े नौ बजे खोलने के लिए बोला था, अगर मंडी में नहीं खोला गया है तो कल से समय पर काउंटर खोला जाएगा। डीएपी खाद की जल्द व्यवस्था की जाएगी।

राकेश गुर्जर, कृषि विस्तार अधिकारी

Published on:
27 Aug 2025 03:59 pm
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