मुंबई

तो क्या फर्जी था अक्षय शिंदे का एनकाउंटर? मजिस्ट्रेट जांच में बड़ा खुलासा, पुलिस वालों पर दर्ज होगा केस

Akshay Shinde Encounter Case : बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

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Jan 20, 2025
Badlapur Sexual Assault

Badlapur School Sexual Assault : बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की कथित एनकाउंटर में मौत के लिए पुलिस ड्राइवर सहित पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार है और उनके खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की जाएगी। आज यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए आया तो जज ने अहम टिप्पणी की।    

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को अहम टिप्पणी की। दरअसल मजिस्ट्रेट ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी।

5 पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगी FIR

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ को जांच रिपोर्ट दी गई है। पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट की जांच में निष्कर्ष निकला है कि वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी आरोपी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए कानून के अनुसार उन पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी।

हाईकोर्ट ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वह दो सप्ताह में पीठ को बताएं कि इस मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी।

इस मामले में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे (ठाणे क्राइम ब्रांच), सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े और चालक को आरोपी बनाया गया है।

पिता ने किया फेक एनकाउंटर का दावा

आरोपी शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अन्ना शिंदे ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है, इस मामले की एसआईटी जांच होनी चाहिए। चूंकि पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच होती है। इसलिए शिंदे मामले की जांच भी मजिस्ट्रेटी ने की।

हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि पुलिस द्वारा बल का प्रयोग उचित नहीं था और जांच पाया गया कि पुलिसकर्मी ऐसी स्थिति में थे कि वे हालात को आसानी से संभाल सकते थे।

पुलिस ने दावा किया था कि एक अधिकारी की सर्विस पिस्टल छीनकर आरोपी ने तीन राउंड फायरिंग की और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया। इस दौरान एक अधिकारी भी घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी को शुरू में हथकड़ी पहनाई गई थी, लेकिन जब उसने पीने के लिए पानी मांगा तो उसका एक हाथ खोल दिया गया था।

गन पर आरोपी के फिंगरप्रिंट नहीं!

मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में पाया गया कि इस्तेमाल की गई पिस्तौल पर मृतक का कोई फिंगरप्रिंट नहीं था और उस पर बंदूक की गोली का कोई अवशेष नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएसएल के निष्कर्षों को देखें तो मृतक के माता-पिता द्वारा लगाए गए आरोपों में तथ्य लग रहा है।

इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाए थे। 25 सितंबर को पुलिस के दावे पर सवाल खड़े करते हुए कोर्ट ने कहा था कि इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता। यह टाला जा सकता था और अदालत सच्चाई जानना चाहती है।

अक्षय शिंदे (24) को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में अटेंडेंट था। 23 सितंबर 2024 को तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय शिंदे की कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया।

Updated on:
20 Jan 2025 08:32 pm
Published on:
20 Jan 2025 08:07 pm
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