Anil Deshmukh : पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ सीबीआई ने एक नया केस दर्ज कर लिया है।
Anil Deshmukh Vs Devendra Fadnavis : महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी (शरद पवार) नेता अनिल देशमुख के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ सीबीआई ने एक नया केस दर्ज किया है। अनिल देशमुख पर बीजेपी नेताओं को कथित तौर पर झूठे मामलों में फंसाने का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
सीबीआई ने दो साल की प्रारंभिक जांच के बाद यह मामला दर्ज किया है। यह जांच एक पैन ड्राइव पर आधारित थी जो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उस समय के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। यह जांच पहले सीआईडी को और बाद में सीबीआई को सौंपी गई थी।
आरोप है कि अनिल देशमुख जब महाविकास आघाडी (MVA) सरकार में राज्य के गृहमंत्री थे, तब उन्होंने जलगांव के तत्कालीन एसपी प्रवीण मुंढे पर बीजेपी नेता गिरीश महाजन के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का दबाव डाला था। खुद पुलिस अधिकारी प्रवीण मुंढे ने सीबीआई को दिए बयान में यह बात कही है।
यह मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और अपना पक्ष रखा था। तब उन्होंने सीधे तौर पर अनिल देशमुख का नाम लिया था और उन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
सीबीआई ने देशमुख के अलावा प्राथमिकी में विशेष लोक अभियोजक प्रवीण पंडित चव्हाण, विजय पाटिल, तत्कालीन डीसीपी पूर्णिमा गायकवाड़ और एसीपी सुषमा चव्हाण का नाम भी जोड़ा है। पुलिस अधिकारियों पर गवाहों के झूठे बयान और साक्ष्य गढ़ने के आरोप है।
शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने सीबीआई द्वारा दर्ज किये गए मामले को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘धन्यवाद... देवेंद्रजी फडणवीस... मेरे खिलाफ सीबीआई ने एक और बेबुनियाद मामला दर्ज किया है। जनता का मत देखकर फडणवीस के पैरों तले की जमीन खिसक जाने के बाद यह साजिश शुरू हुई है। मुझे ऐसी धमकियों और दबाव से कोई ऐतराज नहीं है। मैंने बीजेपी के इस जुल्म के खिलाफ डटकर लड़ने की कसम खाई है। लोगों को देखना चाहिए कि फडणवीस महाराष्ट्र में कितनी निचले स्तर की और संकुचित मानसिकता वाली गंदी राजनीति कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में लोगों ने साजिश करने वाले इस नेतृत्व को उसकी जगह दिखा दी है और अब महाराष्ट्र के लोग विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं!’’