Maharashtra Politics : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) में आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है।
महाराष्ट्र चुनाव के बाद सत्तारूढ़ महायुति से विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) में जाने वाले कई नेता घर वापसी कर रहे हैं। खासकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में नेताओं की एंट्री तेजी से हो रही है। इसी क्रम में सोलापुर जिले के कद्दावर नेता संजय बाबा कोकाटे (Sanjay Baba Kokate) ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) को अलविदा कह दिया है। उन्होंने पार्टी में गुटबाजी और संगठन की निष्क्रियता का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है और अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना में जाने का फैसला किया।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान शिंदे का साथ छोड़कर संजय कोकाटे ने शरद पवार गुट का दामन थामा था, जिससे माढा विधानसभा में एनसीपी (एसपी) को मजबूती मिली थी। लेकिन अब उनकी शिवसेना में वापसी से सोलापुर में एनसीपी (एसपी) को बड़ा झटका लगेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई स्थित मुक्तागिरी बंगले में आज शाम 6 बजे संजय बाबा कोकाटे एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में आधिकारिक रूप से शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल होंगे। शिंदे खेमे में उनकी वापसी को आगामी निकाय चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
उधर, सांगली जिले में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) को तगड़ा झटका लगने वाला है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सांगली में उद्धव गुट के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी में है।
जानकारी के मुताबिक, सांगली जिले में शिवसेना (यूबीटी) के जिलाप्रमुख संजय विभूते, युवा सेना जिलाप्रमुख ऋषिकेश पाटिल, कई तालुका प्रमुख व सरपंच और सैकड़ों कार्यकर्ता उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल होंगे। विभूते ने पार्टी में उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में शिंदे गुट की लगातार बढ़ती ताकत उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी बड़े दलबदल देखने को मिल सकते हैं।