मुंबई

ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद, ISI हैंडलर को भेजी थी गोपनीय जानकारियां

BrahMos ISI Spying Case : ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 2018 में गिरफ्तार किया गया था।

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Jun 03, 2024

Nishant Agarwal Spying Case: पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ब्रह्मोस (BrahMos) के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल (Nishant Agrawal) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। निशांत पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BrahMos Aerospace Pvt Ltd) के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में नागपुर जिला कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट की धारा 3 और 5 के तहत उन्हें दोषी पाया है। अग्रवाल नागपुर स्थित कंपनी के मिसाइल केंद्र में तकनीकी अनुसंधान प्रभाग में कार्यरत थे।

4 साल तक ब्रह्मोस में किया था काम

मालूम हो कि निशांत अग्रवाल ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (Brahmos Aerospace) नागपुर के वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर थे और मिसाइल परियोजनाओं में शामिल थे। अग्रवाल को आईएसआई को परियोजनाओं के बारे में गोपनीय जानकारी देने के आरोप में यूपी व महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा अक्टूबर 2018 में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया गया था।

चार साल तक ब्रह्मोस में काम करने वाले इंजीनियर निशांत अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), आईटी एक्ट और कड़े आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सॉफ्टवेयर से भेजी थी संवेदनशील जानकारियां

आरोप है कि ISI हैंडलर ने निशांत अग्रवाल को हनी ट्रैप में फंसाया था। चार्जशीट के मुताबिक अग्रवाल के लैपटॉप से बेहद गोपनीय फाइलें मिली थीं। इसके अलावा, एक सॉफ्टवेयर भी पाया गया, जिससे कथित तौर पर संवेदनशील तकनीकी जानकारियों को विदेशों में बैठे असामाजिक तत्वों को भेजा गया था।

Updated on:
03 Jun 2024 04:48 pm
Published on:
03 Jun 2024 04:37 pm
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