मुंबई

‘भाषा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे’, सीएम फडणवीस ने मनसे को दी चेतावनी, FIR हुई दर्ज

मुंबई के करीब मीरा-भायंदर शहर में मराठी न बोलने पर एक मारवाड़ी जैन समुदाय के दुकानदार से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

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Jul 04, 2025
राज ठाकरे और CM देवेंद्र फडणवीस (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर जारी विवाद के बीच मीरा-भायंदर शहर में रविवार (29 जून) की रात मनसे (MNS) कार्यकर्ताओं ने मराठी में बात न करने पर 'जोधपुर स्वीट्स और फरसाण' के मालिक बाबूलाल चौधरी के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शहर में तनाव फ़ैल गया। घटना से नाराज व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध मार्च निकाला। अब इस मामले में मारपीट करने वाले मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कि गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कहा कि "मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, मराठी सिखने के लिए अनुरोध किया जा सकता है, लेकिन उसके नाम पर गुंडागर्दी को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा, "मैं भी मराठी हूं और मराठी भाषा से प्रेम करता हूं, लेकिन इसके लिए जबरदस्ती करना ठीक नहीं है। यदि कोई व्यक्ति केवल भाषा न बोलने की वजह से हिंसा करता है, तो यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। सख्त कार्रवाई कि जाएगी" उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "अगर कोई मराठी व्यापारी असम जाए और उसे वहां की भाषा सीखने में वक्त लगे, तो क्या उसे वहां के लोग पीटेंगे?"

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राज्य में हिंदी भाषा को लेकर जारी विवाद पर बात करते हुए फडणवीस ने शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि त्रिभाषा फॉर्मूला लाने का निर्णय खुद उद्धव ठाकरे ने लिया था। इसको लेकर निर्णय उनकी कैबिनेट में पास हुआ, समिति उन्होंने बनाई और अब उसे लेकर राजनीति कर रहे है। फडणवीस ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और जो रिपोर्ट आएगी, उसी के आधार पर छात्रों के हित में आगे निर्णय लिया जाएगा।

ठाकरे भाईयों पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "अगर सच में मराठी भाषा पर गर्व है, तो लोगों को सिखाइए, मराठी के क्लासेस चलाईए। यह कैसी विडंबना है कि अपने बच्चों को तो उन अंग्रेजी स्कूलों में भेजते हैं, जहां मराठी तीसरी भाषा होती है और खुद मंच पर आकर मराठी भाषा को बढ़ाने कि बात करते हैं।"

हिंदी विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि हम भारत देश में रहते है, लेकिन अंग्रेजी भाषा को प्यार से अपना लेते है और हिंदी का विरोध करते हैं।

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Updated on:
04 Jul 2025 08:11 pm
Published on:
04 Jul 2025 07:46 pm
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