मुंबई

आधी रात में भारी बवाल, सुबह हाेते ही दरगाह पर चला बुलडोजर, नासिक की घटना पर एक्‍शन में फडणवीस सरकार

Nashik Violence : इस उपद्रव के बाद पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और आज सुबह अवैध दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया। उपद्रव में शामिल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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Apr 16, 2025

महाराष्ट्र के नासिक में मंगलवार रात को अवैध सात पीर दरगाह हटाने के दौरान हिंसक झड़प में कम से कम 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरअसल कोर्ट के आदेश पर नासिक महानगरपालिका की टीम जब बुलडोजर कार्रवाई करने पहुंची तो वहां भीड़ इकट्ठा हो गई और भारी बवाल किया। भारी संख्या में जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इस उपद्रव के बाद पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और आज सुबह अवैध दरगाह को ढहा दिया गया। जबकि उपद्रव में शामिल 15 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशानुसार यह कार्रवाई की गई। महानगरपालिका ने 1 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले के बाद अनधिकृत निर्माण को हटाने का नोटिस भी दिया था। मंगलवार देर रात जैसे ही टीम अवैध दरगाह को हटाने पहुंची, भीड़ अचानक हिंसक हो गई।

हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मंगलवार रात दरगाह ट्रस्टियों ने स्थानीय प्रशासन की मदद से दरगाह को खुद हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उग्र भीड़ ने उन मुस्लिम नेताओं पर भी हमला किया जो उन्हें शांत कराने की कोशिश कर रहे थे।

स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान आंसू गैस के कई गोले दागे गए। हिंसा में दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए और कई नागरिकों को भी चोट लगी। उपद्रवियों ने पुलिस के तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए।

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करने के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका। इसके बाद बुधवार सुबह दरगाह को बुलडोजरों की मदद से पूरी तरह से ढहा दिया गया। दरगाह के आस-पास भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और सड़कों को बंद रखा गया है। उधर, हिंसा के मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है।

कैसे भड़की हिंसा?

इस पूरे मामले को लेकर नासिक के पुलिस उपायुक्त किरण कुमार चव्हाण ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दरगाह के ट्रस्टी और प्रतिष्ठित नागरिकों ने अनधिकृत निर्माण हटाने की सहमति जताई थी। इसके अनुसार मंगलवार रात 11 बजे सभी लोग एकत्रित हुए थे। उसी समय उस्मानिया चौक की ओर से भीड़ आ गई और हंगामा शुरू कर दिया। दरगाह के ट्रस्टी और प्रतिष्ठित नागरिकों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी भीड़ में मौजूद लोगों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं मानी और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके चलते पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हल्का लाठीचार्ज करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भीड़ द्वारा की गई पत्थरबाजी में 31 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। उग्र भीड़ में शामिल संदिग्ध लोगों की 57 दोपहिया वाहन पुलिस ने जब्त कर लिया है।

Updated on:
16 Apr 2025 12:45 pm
Published on:
16 Apr 2025 11:41 am
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