Manikram Kokate: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की दो साल की सजा को जिला एवं सत्र न्यायालय ने निलंबित कर दिया है। अदालत के इस निर्णय से उनकी विधानसभा की सदस्यता जाने से बच गई।
Manikram Kokate: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को जिला सत्र न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। निचली अदालत ने दस्तावेजों में हेरफेर के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने पिछले महीने माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को दोषी ठहराया था, जबकि इसी मामले में दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके बाद कोकाटे बंधुओं ने जिला न्यायाधीश-1 और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (नासिक) एनवी जीवने के समक्ष निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की अपील दायर की। सत्र न्यायालय ने बुधवार को उनकी अपील स्वीकार कर ली। यह मामला 1995 में पूर्व मंत्री टीएस दिघोले की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
माणिकराव कोकाटे पर आरोप है कि 1995 में महाडा योजना के तहत मुख्यमंत्री 10% कोटा योजना में घर पाने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। उन्होंने यह दर्शाया कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है और उनकी आय कम है, जबकि उन्होंने दो मकान अपने नाम पर खरीदे। इसके अलावा, उन पर अनधिकृत निर्माण करने के भी आरोप लगे थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को मुख्यमंत्री के 10 प्रतिशत विवेकाधीन कोटे के तहत नासिक के येओलकर माला क्षेत्र में कॉलेज रोड पर निम्न आय वर्ग (एलआईजी) वाले दो फ्लैट आवंटित किए गए थे। Nationalist Congress Party के नेता माणिकराव कोकाटे महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में कृषि मंत्री हैं।
पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने कोकाटे और उनके भाइयों समेत चार अन्य लोगों के खिलाफ 1997 में मामला दर्ज कराया था। नासिक के जिला कनिष्ठ न्यायालय में 27 साल तक चली सुनवाई में 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इसके बाद अदालत ने कोकाटे और उनके भाइयों को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल और Rs. 50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई थी। पूर्व पूर्व मंत्री टीएस दिघोले ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि माणिकराव कोकाटे ने एलआईजी श्रेणी से संबंधित होने तथा शहर में अपना कोई मकान न होने का झूठा दावा किया। दिघोले की ओर से पुलिस से संपर्क करने के बाद नासिक के सरकारवाड़ा पुलिस थाने में कोकाटे भाइयों और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया था
अब जिला सत्र न्यायालय ने माणिकराव कोकाटे और उनके भाई की सजा को निलंबित कर दिया है। उनके वकील अविनाश भिड़े ने बताया "आज अदालत ने हमारे आवेदन को मंजूरी देते हुए सजा पर स्थगन दे दिया है। यह निलंबन अपील लंबित रहने तक जारी रहेगा। चूंकि याचिका दायर करने का कोई प्राधिकरण नहीं था, इसलिए अदालत ने याचिका खारिज कर दी है।"