MVA Protest in Mumbai : देवेंद्र फडणवीस ने कहा, विपक्ष का मुंबई में आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है। चाहे महाविकास अघाडी हो या कांग्रेस पार्टी, उन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया।
Shivaji Maharaj statue collapse : महाराष्ट्र के राजकोट किले पर अनावरण के 8 महीने बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिरने के विरोध में महाविकास आघाडी (MVA) ने रविवार को मुंबई में विरोध मार्च निकाला। इसमें एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीमों उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। इससे सूबे का सियासी पारा हाई हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी गठबंधन की तीखी आलोचना की है।
महाविकास आघाडी पर निशाना साधते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा दुर्घटनाग्रस्त हुई जो कि बहुत दुखद बात है। यह हमारे लिए बहुत संवेदनशील मुद्दा है... ये हमारे लिए राजनीति का मुद्दा नहीं हो सकता है क्योंकि यह हमारे अस्मिता और श्रद्धा का विषय है.. फिर भी इस पर विपक्ष का राजनीति करना इस घटना से भी ज्यादा दुखद है... इनके (विपक्ष) के पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्हें उनकी हार नजर आ रही है... आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।"
शिवसेना प्रमुख शिंदे ने आगे कहा, “कर्नाटक में शिवाजी महाराज की मूर्ति तोड़ने के लिए दो जेसीबी लगाई गई थी और मूर्ति को उखाड़ दिया गया, जिन्होंने ऐसा किया उन्हें जूते मारे जाने चाहिए। लेकिन ऐसा करने के बजाय विपक्ष (एमवीए) यहां विरोध कर रही है... ''
वहीँ, नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "ये जो आज आंदोलन हो रहा है पूरे तरीके से राजनीतिक आंदोलन है इन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया। आप मुझे पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी का लाल किले से एक भी भाषण दिखाइए जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख किया हो। नेहरू जी ने द डिस्कवरी ऑफ इंडिया में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया। क्या कांग्रेस और एमवीए इसके लिए माफी मांगेंगे?"
वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, "...मध्य प्रदेश में तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने बुलडोजर से छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को ध्वस्त कर दिया... आजादी के वर्षों बाद भी उसी कांग्रेस ने हमें सिखाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा। लेकिन उन्होंने सूरत को कभी नहीं लूटा. उसी कांग्रेस ने हमें सिखाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को कभी नहीं लूटा। सूरत के लोगों ने वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा स्थापित की...क्या कांग्रेस इसके लिए माफ़ी मांगेगी?..."