Famous Ganpati Pandals in Mumbai : मुंबई में शनिवार को गाजे बाजे के साथ पंडालों में विघ्नहर्ता विराजमान हुए। शहरभर में खूबसूरत पंडाल फूलों और लाइटों से सजे नजर आ रहे है। कई पंडालों को सांस्कृतिक और धार्मिक थीम से सजाया गया है।
Mumbai Ganpati Festival 2024 : मुंबई में ‘गणपति बप्पा मोरया’ (Ganeshotsav 2024) की गूंज के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज हो चुका हैं। सुंदर फूलों और लाइटों से सजे पंडालों में विघ्नहर्ता गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) विराजमान हैं। अनेक पंडालों की सांस्कृतिक और धार्मिक थीम से सुंदर सजावट की गयी है। लोग बप्पा के दर्शन के लिए दूर-दूर से विभिन्न पंडालों में पहुंच रहे है।
मुंबई में 10 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम हर जगह दिख रही है। मुंबई के प्रसिद्ध पंडालों में भगवान गणेश के भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। हर साल गणेशोत्सव के दौरान मुंबई में लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja), चिंचपोकलीचा चिंतामणि (Chinchpoklicha Chintamani), खेतवाड़ीचा राजा (Khetwadi Cha Raja), जीएसबी सेवा मंडल (GSB Seva Mandal) और अंधेरीचा राजा (Andheri Cha Raja) मुख्य आकर्षण का केंद्र होते है।
लालबाग के राजा (लालबागचा राजा) मुंबई के सबसे अमीर, प्रतिष्ठित और लोकप्रिय गणेश पंडालों में से एक है। इस मंडल की स्थापना 1934 में कोली समुदाय के मछुआरों द्वारा लालबाग बाजार में की गई थी। हर साल की तरह इस बार भी लालबाग राजा के पंडाल को भव्य तरीके से सजाया गया है। इस बार बप्पा को 66 किलो सोने और 325 किलो चांदी के आभूषणों से सजाया गया है। साथ ही 400 करोड़ रुपये का बीमा भी कराया गया है। यही वजह है कि लालबाग राजा के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। पंडाल के बाहर हर समय दर्शनार्थियों की भारी भीड़ लगती है। यहां बड़े-बड़े नेता, फिल्म स्टार तक अपने परिवार के दर्शन करने पहुंचते हैं। यह साल लालबाग के राजा का 91वां साल है। लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja Ganapati) का अनंत चतुर्दशी के दिन गिरगांव चौपाटी में विसर्जन होता है।
चिंचपोकलीचा चिंतामणि मुंबई के सबसे पुराने सार्वजनिक गणेश मंडलों में से एक है। जिसकी स्थापना 1920 में की गयी थी। चिंचपोकली का यह पंडाल अपनी अनूठी थीम और सुसंपन्न सजावट के लिए जाना जाता है। गणेशोत्सव के दौरान यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है।
मुंबई के ग्रांट रोड में खेतवाड़ी में हर साल खेतवाड़ीचा राजा विराजमान होते है। खेतवाडीचा गणराज पंडाल (Khetwadicha Ganraj Pandal) अपनी प्रभावशाली सजावट के लिए प्रसिद्ध है और भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति का आकार वर्षों से नहीं बदला है। यहां तक कि गणेश प्रतिमा भी एक ही निर्माता द्वारा बनाई जा रही है। जिससे यह अनूठी विशेषता बनी हुई है।
मुंबई के किंग्स सर्कल का यह पंडाल हर साल अपनी भव्य सजावट और अनोखी थीम के लिए जाना जाता है। इसे शहर का सबसे अमीर गणेश मंडल कहा जाता है। यह मंडल अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहलों के लिए भी जाना जाता है। पांच दिवसीय जीएसबी गणपति को देखने के लिए हर साल लाखों भक्त पंडाल पहुंचते है। इस साल मंडल 70वां गणपति उत्सव मना रहा हैं। इस साल मूर्ति को 66 किलो से अधिक सोना और 325 किलो चांदी से सजाया गया है। जीएसबी सेवा मंडल ने 400.58 करोड़ रुपये का बीमा कवर भी लिया है। 11 सितंबर को भव्य जुलूस के बाद बप्पा का विसर्जन किया जाएगा।
अंधेरी में स्थित यह पंडाल अपने क्रिएटिव और इनोवेटिव थीम के लिए जाना जाता है। इस साल अंधेरी के राजा की स्थापना को 59 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मंडल ने इस बार भी अनोखी थीम से सजावट की है। इस बार पंडाल किसी महल की तरह सजाया गया है। खास बात है कि पंडाल में आने वाले भक्तों से किसी भी प्रकार का धन या चढ़ावा नहीं लिया जाता है, सिर्फ नारियल चढ़ाने की अनुमति होती है। गणेशोत्सव में ‘अंधेरी का राजा’ के दर्शन करने के लिए फिल्मी सितारे और नेता भी आते हैं। इस साल भी प्रसिद्ध ‘अंधेरी के राजा’ (अंधेरीचा राजा) गणपति मंडल ने ड्रेस कोड लागू किया है।