महाराष्ट्र के जलगांव स्थित प्रकाशचंद जैन संस्थान के प्रमुख ने अपने संस्थान की अवैध इमारत को गिराए जाने से पहले कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
महाराष्ट्र के जलगांव जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जामनेर तालुका के पलसखेडे में स्थित प्रकाशचंद जैन संस्थान के निदेशक राजकुमार कावडिया (Rajkumar Kavadia) ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने उनकी संस्थान की इमारत को अवैध निर्माण घोषित कर दिया था और उसे मंगलवार को तोड़े जाने का आदेश जारी किया गया था। उसी कार्रवाई से एक दिन पहले कावडिया ने जहर पीकर अपनी जान दे दी।
जामनेर के पलसखेडे बुद्रुक क्षेत्र में स्थित प्रकाशचंद्र जैन संस्थान के आयुर्वेदिक, फिजियोथेरेपी और होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की अनुमति कुछ महीने पहले ही रद्द कर दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने कॉलेज की इमारतों को तोड़ने के आदेश भी जारी किए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार सुबह संस्थान के निदेशक राजकुमार कावडिया ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
जानकारी के मुताबिक, राजकुमार कावडिया की संस्था द्वारा निर्मित इमारत को प्रशासन ने अतिक्रमण घोषित कर दिया था। जिसके बाद इस अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए गए थे। बताया जा रहा है कि इस वजह से राजकुमार कावडिया बहुत तनाव में थे और इसी बीच सोमवार सुबह उन्होंने यह चौंकाने वाला कदम उठाया।
घटना की खबर मिलते ही परिवार के सदस्य अस्पताल पहुंचे, जहां पत्नी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल था। राजकुमार कावडिया ने कुछ ही वर्ष पहले पलसखेडे में मेडिकल कॉलेज की इमारत का निर्माण कराया था।
बताया जाता है कि नियमों के उल्लंघन के आरोप में कुछ महीनों पहले ही प्रकाशचंद जैन संस्थान द्वारा संचालित आयुर्वेदिक, फिजियोथेरेपी और होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की मान्यता सरकार ने रद्द कर दी थी। इसके बाद प्रशासन ने कॉलेज की इमारत को गिराने के आदेश भी जारी किए थे। इसी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में संस्थान प्रमुख की आत्महत्या से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आत्महत्या के सही कारणों की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और संस्थान से संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कावडिया ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।