Love marriage couple gets divorced: महाराष्ट्र के पुणे से एक कपल का ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, दोनों ने तीन साल तक एक-दूसरे से प्यार किया, फिर अपनी मर्जी से शादी की और 24 घंटे के भीतर तलाक भी ले लिया।
Love marriage couple gets divorced: कहा जाता है कि शादी करने से पहले एक दूसरे के स्वभाव को जानना बेहद अहम होता है, इसके लिए कुछ लोग लिव-इन में रहना पसंद करते हैं तो कुछ लोग महीनों डेट करते हैं फिर शादी की तरफ अग्रसर होते हैं। लोग ऐसा इसलिए करते हैं ताकि आगे चलकर उनके जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। लेकिन, महाराष्ट्र के पुणे से एक ऐसा मामला सामने आया जो इन सभी मानकों पर पलीता पोतने का काम किया है। दरअसल, यहां पर एक कपल एक दूसरे से लंबे समय से प्यार करते थे और उन्होंने शादी की, लेकिन वह शादी 24 घंटे में ही टूट गई और उन्हें तलाक लेने की नौबत आ गई। फिलहाल ये मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
यह मामला एक तलाकशुदा दंपती से जुड़ा है, जो समाज के प्रतिष्ठित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। पति एक जहाज पर उच्च पद पर कार्यरत है, जबकि पत्नी पेशे से डॉक्टर है। दोनों की मुलाकात कई साल पहले हुई थी, जिसके बाद उनके बीच प्रेम संबंध बने। समय के साथ यह रिश्ता गहरा हुआ और दोनों ने विवाह करने का निर्णय लिया। शादी धूमधाम से हुई, जिसमें परिवार और रिश्तेदार भी शामिल हुए। लेकिन विवाह के अगले ही दिन सुबह दोनों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि पत्नी घर छोड़कर चली गई। इसके बाद दोनों ने अलग-अलग रहने का फैसला किया और मामला अदालत तक पहुंच गया। अंततः वकील की सलाह पर दोनों ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी।
इस मामले में एडवोकेट रानी सोनावणे ने जानकारी दी कि अलग होने वाले कपल एक दूसरे से पिछले 3 साल से प्यार करते थे, और लगभग 18 महीने रिलेशनशिप में रहे फिर दोनों ने अपनी मर्जी से ही शादी करने और आजीवन साथ रहने का फैसला किया था। वहीं, महिला का आरोप है कि शादी के बाद पता चला कि उसका पति मर्चेंट नेवी में काम करता है, जिसके लिए उसे 6 महीने जहाज पर रहना पड़ता है। इसे देखते हुए दोनों ने आपसी सहमति से तय किया कि अलग होना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा। कोर्ट ने ऐसे मामलों में लागू होने वाले सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों पर विचार करने के बाद अपना फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि बीते 3 दिसंबर को वकील रानी कांबले-सोनावणे ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दाखिल की थी। सामान्य तौर पर तलाक के मामलों में छह महीने की प्रतीक्षा अवधि तय होती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत यदि पति-पत्नी 18 महीने से अधिक समय से अलग रह रहे हों, तो इस अवधि में छूट दी जा सकती है। इसी आधार पर अदालत ने 10 दिसंबर को तलाक को मंजूरी दे दी, क्योंकि दंपति पिछले डेढ़ साल से अलग रह रहे थे और पति को काम के सिलसिले में तुरंत विदेश जाना आवश्यक था।
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों कपल के अलग होने के बाद उनके परिवार वालों ने उनके रिश्ते को फिर से नया जीवन देने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों कपल का आपसी तालमेल नहीं बन पाया। आखिरकार दोनों ने साथ रहने से इनकार कर दिया। उन्होंने निर्णय लिया कि रिश्ते को कानूनी रूप से खत्म करना ही एकमात्र विकल्प है।