Maharashtra Politics: पिछले एक साल में विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार रहे 43 नेता पाला बदलकर सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हो गए।
महाराष्ट्र में आगामी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों की हलचल तेज हो गई है। इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को एक साल बीत चुके है। पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) की करारी हार हुई थी। अब एक साल बाद भी एमवीए अपने नेताओं को एकजुट रखने में संघर्ष करती दिख रही है। विपक्षी गठबंधन के 43 उम्मीदवार, जो चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे थे, अब पाला बदलकर सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हो चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या भाजपा में जाने वालों की है। इसके अलावा तीन निर्दलीय भी भाजपा नीत गठबंधन में शामिल हो गए हैं। नेताओं के इस पलायन ने निकाय चुनावों में विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले 26 उम्मीदवार पिछले एक साल में भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं, 13 उम्मीदवार अजित पवार की एनसीपी में और सात उम्मीदवार एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए हैं। इतना ही नहीं, सत्ताधारी एनसीपी (अजित गुट) के एक पूर्व उम्मीदवार ने भी पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया है।
2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति ने 288 में से 235 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि शिंदे गुट की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। इसके मुकाबले महाविकास आघाड़ी (MVA) 50 सीटों का आंकड़ा भी पार न कर सकी। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी को 10 सीटें मिली थीं।
विपक्षी गठबंधन में चल रही फूट से सबसे ज्यादा प्रभावित उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) हुई है। उसके 19 पूर्व उम्मीदवार महायुति की ओर जा चुके हैं। जबकि गठबंधन में उसकी सहयोगी एनसीपी (एसपी) ने 13 और कांग्रेस ने 10 नेताओं को खो दिया। तीन निर्दलीय और पीडब्ल्यूपी (Peasants and Workers Party) के एक दूसरे स्थान के उम्मीदवार ने भी महायुति में शामिल होने का फैसला किया।
आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा की नजरें मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र और कोंकण पर ज्यादा केंद्रित हैं। मराठवाड़ा में 16 पूर्व एमवीए उम्मीदवारों ने दल बदला है, जिनमें से आठ भाजपा में शामिल हुए हैं। पांच एनसीपी में और तीन शिंदे गुट में गए हैं। उत्तर महाराष्ट्र में 11 नेताओं में से 10 भाजपा के साथ चले गए हैं और एक एनसीपी में शामिल हुआ है।
कोंकण को पारंपरिक रूप से शिवसेना (यूबीटी) का गढ़ माना जाता है, जहां पांच नेता भाजपा में, तीन शिंदे की शिवसेना में और दो अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए हैं।
अजित पवार अपने मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के प्रभाव क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उनकी पार्टी में शामिल 13 नेताओं में से पांच मराठवाड़ा और चार पश्चिम महाराष्ट्र से हैं। इनमें छह नेता एनसीपी (एसपी), तीन कांग्रेस और दो शिवसेना (यूबीटी) के हैं। दो निर्दलीय भी उनके खेमे में आए हैं।
शिवसेना शिंदे गुट की बात करें तो उसके साथ जुड़ने वाले पांच में से तीन नेता कोंकण से हैं और दो मराठवाड़ा से। पार्टी में कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) से एक-एक नेता भी शामिल हुए हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान होगा। नतीजे एक दिन बाद 3 दिसंबर को घोषित होंगे।