Manoj Jarange on Raj Thackeray : मनोज जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। उन्होंने अपना आंदोलन तेज कर दिया है और सोमवार से पानी छोड़ने की घोषणा की है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है। मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे को समर्थन देने के लिए राज्यभर से मराठा लगातार मुंबई पहुंच रहे है। इस वजह से दक्षिण मुंबई के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम है। राज्यभर से आंदोलन में शामिल होने आए मराठा आंदोलनकारियों की वजह से कुछ सड़कें ठप हो गईं हैं। इस बीच मनोज जरांगे ने सोमवार से आंदोलन और तीव्र करने का ऐलान किया है और पानी भी छोड़ने की बात कही है। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर तीखा हमला बोला है।
इससे पहले, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि मराठा मोर्चा और उनके आरक्षण से जुड़े सभी सवालों के जवाब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही दे सकते हैं। इस बयान पर मनोज जरांगे ने तीखा हमला बोला और ठाकरे पर निशाना साधा। जरांगे ने कहा कि ठाकरे मराठा समाज के सवालों में अनावश्यक दखल दे रहे हैं।
मनोज जरांगे ने शनिवार को कहा, “राज्य की जनता मानती है कि दोनों भाई (उद्धव और राज ठाकरे) अच्छे हैं, ब्रांड (ठाकरे) भी अच्छा है। लेकिन वह व्यक्ति (राज ठाकरे) बिना वजह मराठों के मुद्दों में दखल दे रहा है। क्या हमने कभी उनसे पूछा कि मराठों ने 11 से 13 विधायक चुनकर दिए और वे सब पाला बदलकर चले गए? उसके बाद तुम मराठवाड़ा कब आए? क्या हमने पूछा? तुम कल पुणे कब गए? क्या हमने पूछा? तुम्हारा ससुराल नासिक में है, तुम वहां पचास बार आते हो, क्या हमने कभी सवाल उठाया? लोकसभा चुनाव में फडणवीस ने तुम्हें हराया, उसके बाद विधानसभा में तुम्हारे बेटे को हराया, फिर भी तुम उसी के पीछे चलते हो। राज ठाकरे मान-सम्मान के भूखे बच्चे जैसे हैं। फडणवीस उनके घर जाकर चाय पी लें, भले ही पूरी पार्टी खत्म हो जाए, फिर भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।”
शनिवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मराठा आरक्षण पर सवालों को टालते हुए कहा था कि इस मुद्दे पर जवाब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही दें, क्योंकि उन्होंने पहले नवी मुंबई में आंदोलन को रोका था। पत्रकारों के सवाल पर ठाकरे ने कहा, “क्या शिंदे ने नवी मुंबई जाकर इस मुद्दे को नहीं सुलझाया था? दोबारा यह आंदोलन क्यों? सभी जानते है कि अतीत में क्या हुआ था, इसलिए ये सभी प्रश्न शिंदे से पूछे जाने चाहिए।“
बता दें कि पिछले साल जनवरी में जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे तो उनके अनुरोध पर मनोज जरांगे का मुंबई कूच नवी मुंबई के वाशी में रुक गया था। तब शिवसेना प्रमुख शिंदे ने आश्वासन दिया था कि मराठा आरक्षण की मांगें पूरी की जाएंगी।
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे सात बार अनशन कर चुके हैं और अब इसे मराठा समुदाय की आरक्षण पाने की अंतिम लड़ाई बता रहे हैं। उन्होंने कहा, हम ओबीसी आरक्षण में कटौती की मांग नहीं कर रहे हैं। हम तो सिर्फ इतनी मांग कर रहे हैं कि हमें कुनबी श्रेणी के तहत योग्यतानुसार हमारे हक का आरक्षण मिले। बता दें कि कुनबी कृषि प्रधान समुदाय है, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल है। ओबीसी श्रेणी में शामिल होने से मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का फायदा मिलेगा।