मराठा आरक्षण के लिए दशकों तक संघर्ष करने वाले बड़े नेता की एक दुखद हादसे में मौत हो गई।
Vijay singh Mahadik Death : मराठा समाज के आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation) का एक अहम चेहरा और सामाजिक न्याय के लिए तीन दशकों तक सतत संघर्ष करने वाले विजय सिंह महाडिक (उम्र 67) का दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के कारण उन्हें चक्कर आया और वे अपने घर की छत से नीचे गिर पड़े। गंभीर चोट लगने से उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन से न केवल मराठा समाज, बल्कि पूरे राज्य ने एक कर्मठ समाजसेवक को खो दिया है।
जानकारी के अनुसार, विजय सिंह महाडिक सुबह लगभग 11 बजे अपने घर की छत पर गए थे। उसी समय उन्हें अचानक चक्कर आया, जिससे वे तीसरी मंजिल से नीचे गिर पड़े। इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
विजयसिंह महाडिक न केवल अखिल भारतीय मराठा सेवा संघ के संस्थापक थे, बल्कि मराठा आरक्षण समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। मराठा आरक्षण के लिए 1996 से शुरू हुए उनके आंदोलन ने 2006 के बाद और अधिक गति पकड़ी। उन्होंने 2016 में मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने महाराष्ट्र की 42 मराठा संगठनों को एक मंच पर लाकर समन्वय समिति का गठन किया और राज्यभर में मराठा आरक्षण आंदोलन की आवाज बुलंद की। उन्होंने मराठा समाज की मांगों को सरकार तक प्रभावशाली ढंग से पहुंचाया। उनका जाना मराठा समाज के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है।