Navi Mumbai Airport: मनसे (MNS) ने कहा कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नौकरियां पहले मराठी युवाओं को मिलनी चाहिए, वरना आंदोलन तय है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) से जुड़ी भर्ती प्रक्रिया को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर मराठी भाषी और स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता नहीं दी गई, तो वे एयरपोर्ट के रनवे को तोड़ देंगे।
मनसे प्रवक्ता गजानन काले ने पत्रकारों से बार करते हुए दावा किया कि परियोजना के चार टर्मिनलों से करीब एक लाख नौकरियां पैदा होने वाली हैं, लेकिन अब तक की भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय युवाओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह भूमिपुत्रों को रोजगार देने की भावना के खिलाफ है।
काले ने आरटीआई के जरिए मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि सिडको और एयरपोर्ट प्रशासन की 80 प्रतिशत नौकरियां मराठी भाषी उम्मीदवारों को देने का प्रावधान था, लेकिन अब उस नीति को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नवी मुंबई एयरपोर्ट पर प्रवासियों को एक लाख नौकरियां देगी। सिडको ने अधिग्रहित जमीन के मूल निवासी अग्री कोली समुदाय के लिए चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों को भी बंद कर दिया है।
मनसे नेताओं ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आवेदन का हवाला देते हुए दावा किया कि शहर एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडको) ने जानबूझकर स्थानीय मराठियों के लिए नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करने की नीति नहीं बनाई है।
प्रवक्ता ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर मराठी युवाओं को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो मनसे एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। राज ठाकरे के आदेश के बाद एयरपोर्ट से किसी भी विमान को उड़ान नहीं भरने दिया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर यह मांग नहीं मानी गई, तो अमित ठाकरे और आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर विशाल मोर्चा निकालेंगे। मनसे कार्यकर्ताओं के लिए एयरपोर्ट के रनवे को तोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है।